देहरादून। अगर आपने ये जानना चाहते हैं कि आपका वोट उसे ही गया है जिसे आपने दिया है तो इसके लिए आपको वीवीपैट मशीन का इस्तमाल करना पड़ेगा। ये मशीन हर बूथ पर लगाई जा रही है। ईवीएम मशीन के साथ ही ये मशीन भी इंस्टाल की जा रही है। वीवीपैट मशीन के जरिए आप ये तय कर पाते हैं कि आपने ईवीएम के बैलेट सेक्शन में जिस पसंदीदा प्रत्याशी को वोट दिया है, आपका वोट उसी को गया है।
चलिए समझते हैं कि वीवीपैट मशीन है क्या –
वीवीपैट यानी वोटर वेरीफ़ाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल एक तरह की मशीन होती है, जिसे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के साथ जोड़ा जाता है। इस व्यवस्था के तहत मतदाता द्वारा वोट डालने के तुरंत बाद कागज की एक पर्ची बनती है। इस पर जिस उम्मीदवार को वोट दिया गया है, उनका नाम और चुनाव चिह्न छपा होता है। ये पर्ची एक बक्से में एकत्र कर ली जाती है और बाद में कोई विवाद होने पर इसका मिलान करा लिया जाता है।
पर्ची के डिटेल इसकी स्क्रीन पर सात सेेकेंड तक दिखाई देते हैं। इतने ही समय में आपको तसल्ली कर लेनी होगी कि आपने जिसे वोट दिया है उसे ही आपका वोट पड़ा है।
वीवीपैट मशीन का निर्माण भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड ने किया है। इस मशीन का सर्वप्रथम प्रयोग वर्ष 2013 में नागालैंड के चुनावों में किया गया था।
चुनाव आयोग ने 2019 के आम चुनावों में 100 फीसदी ईवीएम्स के साथ वीवीपैट के इस्तमाल का लक्ष्य 2014 में तय किया था लेकिन केंद्र सरकार ने इन मशीनों को बनाने में लगने वाली आवश्यक पूंजी उपलब्ध नहीं कराई।