देहरादून- उत्तराखंड के बड़े भाई उत्तरप्रदेश ने आज तक छोटे भाई कि परिसंपत्तियां उसके हवाले नहीं की हैं। आज भी यूपी उत्तराखंड के हिस्से की कई जायदादों पर काबिज है।
जबकि दोनों के बीच बंटवारा हुए सोलह साल पूरे हो चुके हैं। इस दौरान सूबे में दो बार कांग्रेस आ चुकी है जबकि अंतरिम सरकार के कार्यकाल को भी जोड़ लिया जाए तो तीसरी बार उत्तराखंड में भाजपा का राज कायम हुआ है।
बहरहाल राज्य बनने के बाद ऐसा पहला मौका है जब केंद्र, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड मे एक ही पार्टी की सरकार है। ऐसे में माना जा रहा है कि अबकी बार उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश की परिसंपत्तियों का मसला पूरी तरह सुलझ जाएगा।
सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेद्र सिंह रावत ने जानकारी दी है कि वे रविवार या सोमवार को उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस बारे में मुलाकात करेंगे। वैसे उम्मीद लगाई जा रही है कि इस बार मुलाकात कामयाब रहेगी।
क्योंकि योगी आदित्यनाथ उत्तराखंड के मूल निवासी हैं और सन्यास लेने से पहले इसी राज्य के कालेजों से उन्होंने तालीम हासिल की है। वहीं योगी उत्तराखंड राज्य आंदोलन को बेहद करीब से जानते हैं और इस राज्य की पीड़ा से वाकिफ भी हैं।