यूपी के कुख्यात बदमाश विकास दुबे का बीते दिन पुलिस ने एन्काउंटर कर दिया। पुलिस ने हवाला दिया कि गाड़ी पलटने के बाद दुबे ने पुलिस की पिस्तौल छीनकर भागने की कोशिश की और पुलिस ने उसे सरेंडर करने को कहा लेकिन उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी और पुलिस को आत्म सुरक्षा के लिए दुबे पर फायरिंग करनी पड़ी। फिर वहीं एसटीएफ ने बयान दिया कि सामने अचानक से गाय-भैंसों के झुंड आ जाने के कारण ड्राइवर नियंत्रण खो बैठा और गाड़ी पलट गई। व
वहीं इस एनकाउंटर को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। सपा-बसपा और कांग्रेस ने विकास दुबे के एनकाउंटर की उच्च स्तरीय जांच की मांग की। सवाल उठे कि जब उसकी गिरफ्तारी हो गयी थी, और उसने उज्जैन में खुद ही सरेंडर किया था तो फिर पुलिस कस्टडी से क्यों भागने की कोशिश करेगा। विकास के एनकाउंटर को लेकर एक दिन पहले ही कोर्ट में पीआईएल दाखिल कर दी गयी थी। अब इस मामले में की जांच शुरू हुई है।
दुबे एंकाउंटर मामले की जांच करेंगे ये इंस्पेक्टर
वहीं सरकार ने कानपुर मुठभेड़ की जांच की जिम्मेदारी गोविंदनगर थाने के इंस्पेक्टर अनुराग मिश्रा को दी है। इंस्पेक्टर अनुराग मिश्रा को विकास दुबे एनकाउंटर की जांच में विवेचक बनाया गया है। वहीं एनकाउंटर में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि पुलिसवालों पर हत्या का मुकदमा चलेगा और मामले की जांच होगी। पुलिस को कोर्ट में ये साबित करना होगा कि अगर वो फायरिंग नहीं करते तो फिर उनकी भी जान जा सकती थी।