2020 में उत्तराखंड सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं। उत्तराखंड की त्रिवेंद्र रावत सरकार के इन फैसलों में से कई फैसले ऐसे हैं जो राज्य के लिए दूरगामी साबित होंगे। हालांकि कोरोना ने राज्य में सरकार की पहले से तय रणनीति में खलल जरूर डाला पर त्रिवेंद्र सरकार ने कोरोना से हुए नुकसान को पूरा करने की भरपूर कोशिश की है। त्रिवेंद्र सरकार के नाम 2020 में कई उपलब्धियां रहीं हैं।
आइए उनमें से कुछ पर नजर डालते हैं –
गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया
इस वर्ष 4 मार्च को मुख्यमंत्री ने गैरसैंण-भराड़ीसैंण में आयेाजित बजट सत्र के दौरान उत्तराखण्डवासियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए गैरसैण-भराड़ीसैंण को प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि गैरसैंण को विश्व की सबसे सुन्दर राजधानी के रूप में विकसित किया जाएगा
चार धाम देवस्थानम बोर्ड का गठन
राज्य गठन के बाद किया गया सबसे बड़ा साहसिक और ऐतिहासिक फैसला है, देवस्थानम बोर्ड बनाना। 15 जनवरी 2020 को विधिवत रूप से ‘उत्तराखण्ड चार धाम देवस्थानम बोर्ड’ का गठन किया गया। भविष्य की आवश्यकताओं, श्रद्धालुओं की सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की दृष्टि से चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया है।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना
वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की एक बड़ी देन है ‘मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना’। 28 मई को प्रारम्भ की गई यह योजना कोराना काल में वापस आए प्रवासियों और राज्य के युवाओं को सम्मानजनक तरीके से आजीविका प्रदान करने का बड़ा माध्यम बन रही हैै। एम.एस.एम.ई. के तहत ऋण और अनुदान की व्यवस्था है।
महिलाओं को भूमिधरी का हक
त्रिवेंद्र सरकार ने राज्य की महिलाओं के लिए एक बड़ा फैसला लिया। राज्य की महिलाओं को पति की सम्पति में महिलाओं का सह-अधिकार देने का निर्णय लिया गया ताकि उन्हें लोन लेने में किसी प्रकार की परेशानी न हो। महिलाएं अपने नाम पर दर्ज संपत्ति पर स्वरोजगार के लिए बैंकों से ऋण ले सकेंगी, वे आर्थिक रूप से मजबूत होंगी।
मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना
प्रदेश में सोलर फार्मिंग से भी स्वरोजगार मिलेगा। 8 अक्टूबर को मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा प्रारम्भ की गई। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के एक अंग के रूप में संचलित इस योजना में 10 हजार युवाओं व उद्यमियों को 25-25 किलोवाट की सोलर परियोजनाएं आवंटित की जाएंगी। प्रदेश के युवाओं और वापिस लौटे प्रवासियों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही हरित ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देना योजना का लक्ष्य है।
किसानों को बिन ब्याज का कर्ज
उत्तराखंड सरकार ने किसानों की मदद के लिए पं.दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना में बिना ब्याज के किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे ऋण की सीमा को बढ़ाकर तीन लाख रूपए कर दिया। अब राज्य के किसान और काश्तकार अपनी जरूरतों के लिए तीन लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज के ले सकते हैं। इसी प्रकार स्वयं सहायता समूह पांच रूपए तक का ब्याज मुक्त ऋण का लाभ ले सकते हैं।
केवल 1 रूपए में पानी का कनेक्शन
त्रिवेंद्र सरकार ने साल 2020 में ग्रामीण इलाकों में घरों में एक रुपए में पानी का कनेक्शन देने की शुरुआत की है। पहले इसकी दर 1360 रूपए थी। जल जीवन मिशन को सफल बनाने के लिए ये एक बड़ी कोशिश हो सकती है।
ई गर्वनेंस को बढ़ावा
उत्तराखंड सरकार ने राज्य में ई गर्वनेंस को बढ़ावा दिया है। कैबिनेट बैठकें अब ई कैबिनेट के तौर पर हो रहीं हैं। राज्य में ई-आफिस की प्रक्रिया में भी तेजी लाई गई। सचिवालय के लगभग सभी अनुभागों में ई-आफिस शुरू किया जा चुका है। 3773 फाईलें ई-आफिस के माध्यम से बना दी गई हैं। सचिवालय के साथ ही 27 विभाग ई-आफिस प्रणाली के अन्तर्गत आ चुके हैं। देहरादून, नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर व ऊधमसिंह नगर के जिलाधिकारी कार्यालयों में ई-आफिस प्रणाली शुरू। राज्य के हर न्याय पंचायत से ई-पंचायत सेवा उपलब्ध कराने वाला उत्तराखण्ड देश का तीसरा राज्य बन गया है।
हरिद्वार में फिर लाए ‘गंगा’
त्रिवेंद्र सिंह रावत हरिद्वार के लिए फिर एक बार ‘भागीरथ’ बने। हर की पौड़ी से होकर गुजरने वाली जलधारा को त्रिवेंद्र सरकार ने फिर से एक बार गंगा का दर्जा दिया। पहले इसे स्केप चैनल कहा जाता था। सीएम ने 2016 के आदेश को वापस ले लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर की पैड़ी पर अविरल गंगा का दर्जा बनाए रखा जाएगा।