यमनोत्री में पुलिस की गुंडई का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिससे एक ही सवाल उठ रहा है कि पुलिस सुरक्षा और शांति व्यवस्था के लिए तैनात की जाती है या वर्दी का रौब दिखाने के लिए. यमनोत्री में कल हुए विवाद से पुलिस प्रशासन के सुरक्षा के दावे की पोल खुली साथ ही पुलिस का गुंडई भरा चेहरा भी सामने आया.
ये है मामला
दरअसल हुआ यूं कि किसी बात को लेकर पुलिस ने मजदूर को जमकर पीटा जिससे वो घायल हो गया औऱ उसका उपचार अस्पताल में चल रहा है. वहीं इसके बाद वहां मौजूद सभी घो़ड़े-खच्चर, डंडी-कंडी वालों मजदूरों ने इसका विरोध करते हुए जमकर बवाल किया और यात्रा बाधित की. वहां मौजूद कई लोगों ने इस वाक्या की वीडियो बनाई जो की पुलिस को खटकी. वीडियो को डिलीट कराने के लिए एक पुलिस कर्मी ने अधेड़ को दौड़़ा-दौड़ा कर पीटा और फोन मांगा…जो की वीडियो में साफ देखा जा सकता है…ये वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ. वहीं बवाल करने वाले 14 लोगों को गिऱफ्तार किया गया जब कि कई फरार हो गए जिनकी तलाश की जा रही है साथ ही मजदूक की पिटाई करने वाले पुलिस कर्मी को भी लाइन हाजिर कर दिया गया है. इस मामले की जानकारी मिलने पर मौके पर उपजिलाधिकारी बड़कोट और पुलिस निरक्षक बड़कोट भी मौके पर पहुंचे.
पुलिस का बयान
वहीं पुलिस द्वारा जानकारी लेने पर पता चला है कि मजदूरों ने जिला पंचायत ऑफिस में तोड़फोड़ की और वहां सामान को बाहर फेंककर आग लगा दी.जिसके बाद पुलिस कर्मी वहां पहुंची और मजदूरों द्वारा पुलिसकर्मी की वर्दी फाड़ी गयी.
मजदूर संगठनों ने पुलिस औऱ जिला पंचायत के खिलाफ मोर्चा खोला और जमकर नारेबाजी की. मजदूरों ने यमुनोत्री धाम में जिला पंचायत पर लूटमार करने का आरोप लगया.