देहरादून(हिमांशु चौहान)- कंपकपाती सर्दी के मौसम में खींची गई इन दो तस्वीरों को देखिए पहली तस्वीर में सूबे के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे और कार्यक्रम के आयोजक नर्म मुलायम गदगदे सोफे में विराजमान हैं।
अब जरा दूसरी तस्वीर को भी देखिए इस तस्वीर में दिखाई दे रहा है कि हमारा सिस्टम कितना बेदर्द है। गरीबों के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली मासूम बेटियों को कैसे सर्द मौसम में ठंडी टाइल वाले फर्श पर बैठा दिया गया है। महकमे के अधिकारी बेटियों को घेरे हुए हैं ताकि कोई बच्ची उठ न पाए।
जी हां ये मंजर है अमीरो की रहम दिली की पब्लिसिटी के अभियान के लिए किए जा रहे कार्यक्रम का। दरअसल देहरादून के चर्चित पैसिफिक मॉल का दिल उन गरीब बच्चों पर पसीजा है जो किताबों से महरूम हैं। जिनके पास महंगी किताब खरीदने को पैसा नहीं लिहाजा वे मजबूरी में तालीम से दूर हो गए हैं।
ऐसे बच्चों के लिए एक पखवाड़े के भीतर देहरादून शहर से साढ़े पांच लाख किताबे इकट्ठा करने के अभियान की शुरूआत पैसेफिक मॉल ने की है। ये किताबे पैसिफिक दून बुक बैंक के तहत एकत्र की जाएंगी।
बहरहाल बड़ा सवाल ये है कि गरीब बच्चो के लिए रहम दिल बनने वाली संस्थाओं को जरा भी ख्याल नहीं आया कि ठंडे फर्श पर मासूम स्कूली बच्चे कैसे बैठेंगे? मंत्री जी और अधिकारियों को ठंड लग सकती है तो मासूमों को ठंड कैसे नहीं लग सकती।