हल्द्वानी : मंजिल उनको मिलती है जिनके सपनों में जान होती है’ ‘पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है’ जी हां इस कहावत को सच कर दिखाया है हल्द्वानी की रहने वाली दिव्यांग महिला सुमनलता ने, जो दिव्यांग होते हुए खुद खड़ा नही हो पाती लेकिन उन महिलाओं को खड़ा करने का प्रयास कर रही है जो खुद कुछ करने चाह रखती है और ज़िन्दगी में आगे बढ़ने की चाह रखते हुए काम सीखकर उसी काम को अपनी आर्थिकी जरिया भी बना रही है।
दरअसल हल्द्वानी की रहने वाली सुमनलता खुद दिव्यांग होकर कई बेसहारा महिलाओं औऱ बच्चों को ट्यूशन, ब्यूटी पार्लर,सिलाई-कढ़ाई सहित कई रोजगारपरक ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बना रहीं हैं। बड़ी संख्या में महिलाओं को ट्रेनिंग देकर उनकी मदद कर चुकी हैं। हल्द्वानी के ग्राम डहरिया में अपने ट्रेनिंग सेंटर में करीब 10 साल से वे निरंतर बिना किसी सरकारी मदद के समाज सेवा करती आ रही हैं। मुख्यमंत्री से लेकर अन्य बड़े जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाने के बावजूद कोई सहायता नहीं उपलब्ध नही हो पायी लिहाज़ा सुमनलता ने उन महिलाओ के लिए कुछ करने की ठान ली जो बेसहारा थी, अब सुमनलता दिव्यांग होने के बावजूद महिलाओ को सिलाई, कढ़ाई, पेंटिंग समेत अन्य रोज़गारपरक ट्रेनिंग दे रही है जिससे बेसहारा महिलाओ को कही भटकने की आव्श्यकता ही ना पड़े।