हल्द्वानी: सुशीला तिवारी अस्पताल में प्रसव के लिए आई अल्मोड़ा की महिला 12 घंटे तक डक्ट अस्पताल की दो बिडिल्गंग को कनेक्ट करने के लिए बना बीच में पाइप आदि को ले जाने का लिए बनाई गई जगह पर फंसी रही। महिला के वार्ड में न पहुंचने से हड़कंप मच गया। परिजन पूरी रात उसे खोजते रहे। उसके नवजात को भी परिजनों ने संभाला।
अल्मोड़ा के धौलोदवी ब्लाक के बमन सुयाल निवासी जानकी देवी को सुशीला तिवारी अस्पताल में प्रसव पीड़ा के चलते 19 दिसंबर को भर्ती कराया गया था। जानकी के पति त्रिलोक राम ने बताया 20 दिसंबर को ऑपरेशन के बाद पत्नी ने बच्चे का जन्म दिया। प्रसव होने के बाद उसे महिला वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था।
वार्ड के फस्र्ट फ्लोअर पर है। त्रिलोक ने बताया कि रविवार की रात को वार्ड से गार्डों ने उन्हें बाहर कर दिया। रात को जानकी शौचालय गई थी। शौचालय से लौटने के बाद वह वापस बेड पर नहीं पहुंची। बच्चे के रोने पर डॉक्टर और स्टाफ ने जानकी को खोजना शुरू किया। पत्नी के गायब होने की जानकारी मिलने पर उन्होंने बच्चों को संभालने के साथ जानकी की तलाश की लेकिन वह नहीं मिली। जानकी देवी का कहना है कि उसे कुछ याद नहीं है कोई मेरा मुंह दबाकर नीचे ले गया।