प्रसव होने के बाद आशा कार्यकर्ती द्वारा महिला को स्वर्गीय पुलिन कुमार विश्वास राजकीय चिकित्सालय में ले जाया गया तो प्रभारी चिकित्सक डॉक्टर ने उक्त बच्ची व महिला का नाम रजिस्ट्रेशन करने के लिए मना कर दिया आपको बता दें कि इस दौरान आशा कार्यकर्ती व महिला के परिजनों ने डॉक्टर के समक्ष रजिस्ट्रेशन कराने के लिए हाथ जोड़कर गिड़गिड़या, लेकिन डॉक्टर ने उनको बातों को अनदेखा कर दिया। आशा कार्यकर्ती के संग पीड़िता की परिवार को चिकित्सालय से भगा दिया अब सवाल यह उठता है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा डिजिटल इंडिया के सपने को जनता को दिखाया जा रहा है।