देहरादून: चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को भविष्य में चारधाम यात्रा के लिए ड्रेसकोड में आना होगा। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ड्रेसकोड लागू करने को लेकर तैयारियों में जुटी है। इसके लागूं होते ही केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में भक्त बगैर ड्रेसकोड के दर्शन नहीं कर पाएंगे। मंदिर समिति इसके कई फायदे गिना रही है। लेकिन, ड्रेसकोड को लागू करने से पहले मंदिर समिति को इसके नफा-नुकसान पर भी ध्यान देना होगा। हालांकि मंदिर एक्ट के तहत मंदिर समिति को ऐसा करने का अधिकार है।
राजस्थान बगरू प्रिंट
मंदिर समिति की मानें तो स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। योजना अभी शुरूआती दौर में है। इसे पहले चरण में केदारनाथ धाम और बद्रीनाथ में लागू किया जाएगा। दूसरे चरण में गंगोत्री और यमुनोत्री में भी लागू करने की योजना है। मंदिर समिति इसके जरिए रोजगार दिलाने की बात कह रही है। राजस्थान बगरू प्रिंट के नाम से आते हैं।
लागू करने से पहले होमवर्क
भक्त इसी कुर्ते को पहनकर बदरी और केदारनाथ भगवान के मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। इस ड्रेस कोड को लागू करने पर बदरी-केदार मंदिर समिति विचार कर रही है। मंदिर समिति की मानें तो फिलहाल योजना की सफलता के अवसरों को तलाशा जा रहा है। यह देखा जा रहा है कि किस तरह से योजना को लागू किया जाए और किस तरह से स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ा जाए।
प्लांट लगाने पर विचार
मंदिर समिति का दावा है कि इसके लिए चारधामों के मुख्य पड़ावों में कुर्ते प्रिंट कराने के प्लांट लगाए जाएंगे। लेकिन, ये प्लांट सरकार लगाएगी या फिर कोई बाहर की कंपनी लगाएगी। इसको लेकिर मंदिर समिति फिलहाल असमंजस में है। मंदिर समिति खुद प्लांट लगाने के लिए तैयार नहीं है। मंदिर समिति के सीईओ बीडी सिंह ने बताया कि प्लांट लगने से स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा। दूसरा यह कि पहाड़ों में छोटे उद्योग लगाने की नई परंपरा भी शुरू होगी। जिसका लाभ स्थानीय लोगों को ही मिलेगा।
लागू करने में मुश्किल
योजना को लागू करने में कई परेशानियां भी हैं। दरअसल, चार धामों के दर्शन करने देश के अलावा दुनिया के दूसरे देशों के श्रद्धालु भी आते हैं। कई लोग ऐसे भी होते हैं, जो बड़ी मुश्किलों से आर्थिक तंगी को झेलते हुए भी बाबा के दर्शन करने पहुंचते हैं। कुर्ते की कीमत कम से कम 200 से 250 रुपये तक होगी। अगर किसी परिवार के 10 लोग एक साथ यात्रा पर आते हैं, तो उन पर 2000 से 2500 रुपये तक अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा। बाबा के धाम तक अगर कोई यात्रा बगैर ड्रेसकोड के पहुंचेगा तो उनको दर्शन करने से कैसे रोक पाएंगे। इससे विवाद की स्थिति भी उत्पन हो सकती है। दूसरा यह कि अतिथि देवो भवः के स्लोगन को हम कैसे चरितार्थ कर पाएंगे।
गर्म कपड़ों के बाहर कैसे पहनेंगे कुर्ता
केदारनाथ धाम जैसी भीषण ठंड में कोई भक्त एक कुर्ता पहने कैसे दर्शन कर सकता है। इस सवाल के जवाब में मंदिर समिति के सीईओ बीडी सिंह का कहना है कि अंदर से आप कोई भी कपड़ा पहनें, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन, पहले से पहने कपड़ों के बाहर से कुर्ता पहनना कितना तर्कसंगत होगा, इस पर विचार करने की जरूरत है। दूसरा सवाल यह है कि भीषण ठंड में जैकेट के बाहर कुर्ता कैसे पहना जा सकता है। इस बारे में भी सोचना जरूरी है।