उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया है। संभावनाओं के मुताबिक आम आदमी पार्टी एक रिटार्यड फौजी अजय कोठियाल को पार्टी की कमान सौंप दी है। कर्नल (रिटा) अजय कोठियाल को उत्तराखंड में पार्टी का चेहरा बनाना एक सोची समझी राजनीतिक रणनीति के तौर पर देखा जा सकता है।
आम आदमी पार्टी ने एक सेवानिवृत्त फौजी को मैदान में उतारकर न सिर्फ फौजी वोटरों पर निशाना साधा है बल्कि बीजेपी और कांग्रेस के सामने एक बड़ी चुनौती भी पेश कर दी है।
दरअसल, उत्तराखंड एक सैन्य बाहुल्य राज्य है। मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भी इसी राजनीतिक समीकरण को साधने की कोशिश करते रहें हैं और उसमें सफल भी रहे थे। बीते लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड को पांचवे तीर्थ के तौर पर सैन्य धाम का नाम दिया।
अरविंद केजरीवाल ने अप्रत्यक्ष तौर पर नरेंद्र मोदी की ‘पॉलिटिकल स्ट्रेटजी’ पर चोट कर दी है। इस मामले में अरविंद केजरीवाल फिलहाल नरेंद्र मोदी से दो कदम आगे दिख रहें हैं। दरअसल कर्नल कोठियाल की राज्य के पूर्व फौजियों और मौजूदा फौजियों में अच्छी पकड़ मानी जाती है।
अजय कोठियाल उत्तराखंड में यूथ फाउंडेशन चलाते हैं। इस फाउंडेशन के जरिए राज्य के युवाओं को सैन्य बलों में भर्ती होने की ट्रेनिंग उपलब्ध कराई जाती है। एक अनुमान के मुताबिक इस फाउंडेशन में ट्रेनिंग किए हुए लगभग दस हजार से अधिक युवा मौजूदा वक्त में भारत की अलग अलग सैन्य बलों और अर्ध सैन्य बलों के साथ जुड़े हुए हैं।
इसके साथ ही राज्य में 2019 के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में तकरीबन 10 लाख से अधिक सैन्य पृष्ठभूमि के वोटर्स होंगे। उत्तराखंड में तकरीबन 78 लाख वोटर्स के बीच दस लाख वोटर्स का ये बड़ा वर्ग हमेशा से राजनीतिक पार्टियों के लिए आशा की किरण रहा है। पिछले चुनावों में ये वोटर्स बहुत हद तक बीजेपी की ओर डायवर्ट हुए हैं। हालांकि अब आप इसी वोटर वर्ग पर निशाना साधने की तैयारी कर चुकी है।
कर्नल कोठियाल को मैदान में बतौर सीएम फेस उतारना इसी तैयारी का हिस्सा है। अरविंद केजरीवाल ये बेहतर समझते हैं कि उत्तराखंड में अगर फौजी वोटरों का साथ मिल गया तो बड़ा उलटफेर करने से कोई रोक नहीं सकता है। वहीं बीजेपी और कांग्रेस के पास इस तरह का कोई चेहरा नहीं है जो मेन स्ट्रीम ऑर्मी पर्सन भी हो और वो पूरे राज्य में अपनी पकड़ रखता हो। कांग्रेस के पास तो ऐसे किसी चेहरे का अकाल ही दिखता है। ऐसे में जाहिर है कि अजय कोठियाल इन दोनों ही पार्टियों के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकते हैं।