देहरादून: जंगली जानवरों के हमले में लोगों की जान जाने की खबरें अक्सर सामने आती रहती हैं। गुलदार और भालू के हमलों में सैंकड़ों लोग अपनी जान गवां चुके हैं। जंगली जानवरों के डर से लोग अपनी खेती छोड़ने तक को मजबूर हैं। मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने की बातें तो होती हैं, लेकिन कम होता नजर नहीं आ रहा है।
मानव-वन्यजीवों के बीच लगातार टकराव बढ़ रहा है। इसके चलते हर महीने औसतन पांच से सात लोगों की जान जा रही है। वन विभाग की ओर से संघर्ष को कम करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन उनका असर नजर नहीं आ रहा है। 2021 में ही सितंबर तक 44 लोग जंगली जानवरों के हमले में मारे जा चुके हैं। करीब डेढ़ सौ लोग घायल हुए हैं।
प्रदेश में गुलदार के बढ़ते हमलों के बीच पिछले कुछ समय से भालुओं के हमले भी तेजी से बढ़े हैं। इसी साल सितंबर तक भालू 33 से अधिक लोगों पर हमला कर उन्हें घायल कर चुका है। इसके अलावा सांपों के काटने के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। सितंबर तक सांप के काटने से 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 52 लोग को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। गुलदार के हमलों में 18 लोगों की मौत हो गई। जबकि 43 लोग घायल हुए हैं।