गोरखपुर: विश्व हिंदू महासभा के अध्यक्ष रणजीत बच्चन की हत्या उनकी दूसरी पत्नी स्मृति ने कराई थी। पुलिस की पूछताछ में स्मृति ने कई चैंकाने वाले खुलासे किए। इस हत्याकांड को राजनीतिक चस्में से भी देखा जा रहा था। कहा जा रहा था कि हिन्दूवादी नेता ही क्यों निशोन पर हैं। उनसे पहले एक अन्य हिन्दूवादी नेता की भी हत्या हो चुकी थी। पुलिस के मुताबिक उसने पति से अपमान का बदला लेने और उनसे पीछा छुड़ाने के लिए वारदात को अंजाम दिया। इसमें स्मृति के साथ प्रेमी रायबरेली का दीपेंद्र, उसका भाई जितेंद्र व चालक संजीत शामिल था। स्मृति के मुताबिक उसे रणजीत की पहली शादी का नहीं पता था।
कुछ समय बाद इसके साथ यह भी जानकारी मिली कि रणजीत के कई महिलाओं से संबंध हैं। स्मृति ने विरोध जताया तो वह मारपीट करने लगा। इस पर स्मृति विकासनगर स्थित घर आ गई। इसके बाद भी रणजीत ने पीछा नहीं छोड़ा। पति से अलग होने के बाद स्मृति की दीपेंद्र से पहचान हुई। दोनों शादी करना चाहते थे, जिसमें रणजीत बाधक बन रहा था। इसी बीच रणजीत ने स्मृति को सिकंदरबाग चैराहे पर थप्पड़ मारे।
स्मृति ने दीपेंद्र को इसकी जानकारी दी। इसके बाद रणजीत की हत्या की योजना तैयार की गई। दीपेंद्र ने भाई जितेंद्र व चालक संजीत का सहयोग लिया। तीनों कार से लखनऊ पहुंचे और 21 जनवरी की रात होटल में ठहरे। सुबह रणजीत की रेकी करने निकले। इसके बाद 28 व 29 जनवरी को लखनऊ में रहकर उसकी हर गतिविधि की जानकारी ली। तीन दिन तक रणजीत के ओसीआर स्थित आवास से मार्निंग वॉक पर जाने वाले रास्ते की रेकी की।
29 जनवरी को तीनों ही वारदात को अंजाम दे देते, लेकिन उस दिन रणजीत मार्निंग वॉक पर निकले ही नहीं। इस पर तीनों रायबरेली लौट गए। फिर एक फरवरी की देर रात दो बजे रायबरेली से निकले और रविवार सुबह करीब पांच बजे लखनऊ पहुंचे। यहां हजरतगंज चैराहे पर दीपेंद्र और कैपिटल सिनेमा तिराहे के पास जितेंद्र को उतारा। इसकी फुटेज मिलने पर पुलिस का संदेह गहराया। इसके बाद जब रणजीत मार्निंग वॉक पर निकले तो ग्लोब पार्क के पास जितेंद्र ने उन्हें गोली मार दी।