जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में शहीद हुए मेजर अनुज सूद का पार्थिव शरीर मंगलवार सुबह उनके पंचकूला स्थित आवास पर पहुंचा। जहां सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। मेजर सूद के पिता रिटायर्ड ब्रिगेडियर चंद्रकांत सूद ने बेटे के पार्थिव शरीर को कंधा दिया और फिर मुखाग्नि भी उन्होंने ही दी। इस दौरान लोगों की आंखें नम रही। ताबूत में तिरंगे से लिपटा पति का शव देखकर पत्नी आकृति फूट-फूट कर रो पड़ी। कभी वह एकटक पति को देखती तो कभी फूट-फूट कर रो पड़ती।
3 मई को घर आने वाले थे लेकिन वो ताबूत में पहुंचे।
जानकारी मिली है कि शहीद मेजर की शादी 3-4 महीने पहले हुई थी। शहीद मेजर अनुज सूद की यूनिट से भी अधिकारी व जवान शहीद के पार्थिव शरीर के साथ उनके घर पहुंचे। पार्थिव शरीर के घर पहुंचते ही शहीद के परिजन फफक फफक कर रोने लगे। पत्नी एक टुक पति को देखती रही। शहीद अनुज घरवालों से वादा कर गए कि वो 3 मई को छुट्टी घर आएंगे लेकिन वो ताबूत में तिरंगे में लिपटे पहुंचे। जी हां जानकारी मिली है कि वो लॉकडाउन खत्म होते ही 3 मई को घर आने वाले थे लेकिन वो ताबूत में पहुंचे।आकृति पुणे की एक कंपनी में जॉब करती हैं।
बेटे की शहादत पर मेजर अनुज के पिता ब्रिगेडियर चंद्रकांत सूद ने कहा कि अनुज मेरा नहीं, देश का बेटा था, देश के लिए शहीद हो गया। शहादत उसकी ड्यूटी का हिस्सा था।