देहरादून। राज्य में चारधाम यात्रा शुरु हो चुकी है। राज्य के लिए हर लिहाज से ये यात्रा बेहद अहम है। राज्य के पर्यटन व्यवसाय के लिए भी ये यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है। ऋषिकेश में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यात्रा की औपचारिक शुरुआत हरी झंडी दिखाकर की। हैरानी वाली बात ये रही कि इस कार्यक्रम में राज्य के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ही मौजूद नहीं रहे।
सतपाल महाराज की गैरमौजूदगी सभी को चुभ गई। आखिर ऐसा क्या हुआ कि मुख्यमंत्री ने अपने साथ राज्य के पर्यटन मंत्री को लेना भी उचित नहीं समझा। कार्यक्रम के आयोजन से जुड़े कुछ लोग बताते ंहैं कि चूंकि पूरा कार्यक्रम भोले जी महाराज और उनकी ही संस्था द्वारा आयोजित किया गया था लिहाजा सतपाल महाराज को आमंत्रित ही नहीं किया गया। आपको बता दें कि भोले महाराज और सतपाल महाराज सगे भाई हैं लेकिन दोनों के बीच छत्तीस का आंकड़ा रहता है। आध्यात्मिक जगत में वर्चस्व की लड़ाई और कुछ अन्य वजहों से सतपाल महाराज और भोले महाराज एक दूसरे को देखना गंवारा नहीं करते। यही वजह रही कि सतपाल महाराज को कार्यक्रम का न्यौता तक नहीं दिया गया। इस कार्यक्रम के मंच पर राज्य के वन मंत्री हरक सिंह रावत, विधानसभा अध्यक्ष और ऋषिकेश के विधायक प्रेमचंद्र अग्रवाल समेत नगर पालिका के चेयरमैन तक मौजूद थे लेकिन सतपाल महाराज गायब रहे। इस कार्यक्रम के दौरान ली गई तस्वीरों में भोले महाराज और उनकी पत्नी माता मंगला भी नजर आ रहीं हैं।
हालांकि इस सबके बीच ये भी एक सच है कि सतपाल महाराज राज्य के पर्यटन मंत्री हैं और चार धाम यात्रा की जिम्मेदारी उन्हीं पर है। ऐसें में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत अपने साथ सतपाल महाराज को ले जा सकते थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने भी सतपाल महाराज को कार्यक्रम से दूर रखना ही ठीक समझा।