देहरादून- उत्तराखंड जैसी भौगोलिक परिस्थिति वाला हिमाचल आज औद्यानिकी के क्षेत्र में देश दुनिया में मशहूर है। राज्य का डा.यशवंत सिंह परमार कृषि विश्वविद्यालय हिमाचल में औद्यानिकी को मजबूत करने में अपना अहम योगदान दे रहा है।
उसी तर्ज पर उत्तराखंड में भी भरसार औद्यानिक विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। विश्वविद्यालय का कैंपस पौड़ी के भरसार में बनाया गया जबकि कैंप कार्यालय देहरादून में। सोचा कुछ था हुआ कुछ।
जब से विश्वविद्यालय की स्थापना हुई है तब से लेकर अब तक विश्वविद्यालय अकादमिक गतिविधियों से कही ज्यादा अनियमितताओं के लेकर सुर्खियों में बना रहता है। बहरहाल एक बार फिर राज्य का भरसार औद्यानिक विश्वविद्यालय फिर सुर्खियों में है। दरअसल विश्वविद्यालय के कुलपति डा. मैथ्यू ने अपना इस्तीफा राजभवन को प्रेषित कर दिया है। हालाकि अभी तक राजभवन से कोई जवाब नहीं आया है।
लेकिन सवाल ये है कि डा.मैथ्यू कुलपति के पद से इस्तीफा क्यों दे रहे हैं ? हालांकि माना जा रहा है कि राज्य के कृषि एवं औद्यानिक मंत्री सुबोध उनियाल और विश्वविद्यालय में तैनात कर्मचारियों के एक धड़े से डा.मैथ्यू के रिश्ते तल्ख होते जा रहे हैं। कर्मचारी डा. मैथ्यू की काम काज के तरीके से नाराज हैं। जबकि खबर है कि डा. मैथ्यू सूबे के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के उस फरमान से नाराज हैं जिसमे उन्होंने कुलपति के भरसार के बजाय देहरादून स्थित कैंप कार्यालय से विश्वविद्यालय चलाने पर ऐतराज जताया है।
उधर मीडया रिपोर्ट्स की मानी जाए तो डा. मैथ्यू पर कर्मचारियों ने अपने-बेटी-बेटे को नियमविरूद्ध नौकरी देने और ज्यादा भुगतान करने पर कड़ा ऐतराज जताया था। हालांकि बाद में उन्हें हटाना पड़ा। साथ ही आरोप हैं कि डा.मैथ्यू अपने चेहतों पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान रहते हैं। सच क्या है ये तो डा.साहब ही जाने लेकिन माना जा रहा है कि इस्तीफे की बड़ी वजह डा.मैथ्यू को पौड़ी स्थित मुख्य कैंपस भरसार जाना पसंद नहीं है।