उत्तराखंड में कांग्रेस की हरीश रावत सरकार को घेरने के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी भाजपा ने मोर्चा खोल दिया है। एक तरफ जहां भाजपा उत्तराखंड में पर्दाफाश रैलियां कर कांग्रेस को घेर रही है, वहीं पूर्व केन्द्रीय मंत्री सतपाल महाराज ने राज्य सरकार पर हरिद्वार की निर्मल विरक्त कुटिया को हड़पने का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी है। कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाने वाली भाजपा जिस कुटिया को हड़पने का आरोप लगा रही है, वो कुटिया पूर्व में भाजपा के ही एक दर्जाधारी के पास थी। भाजपा के पास इसका क्या जवाब है ये मूल प्रश्न भी राजनीति गलियारों में तैर रहा है।
नामधारी का कब्जा होने पर भाजपा ने क्यों नहीं लगाएं आरोप?
नई दिल्ली के भाजपा मुख्यालय में सतपाल महाराज ने प्रेसवार्ता के दौरान हरीश रावत के तीन स्टिंग ऑपरेशन का ज़िक्र करते हुए ये नया आरोप हरीश रावत सरकार पर मढ़ते हुए कहा कि उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त है। निर्मल विरक्त कुटिया मामले पर राष्ट्रपति का दरवाज़ा खटखटाने व सीबीआई से उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग भी की है। सवाल ये नहीं है कि भाजपा कांग्रेस पर और खासतौर पर हरीश रावत पर हमले बोल रही है, बल्कि बड़ा सवाल ये है कि इस कुटिया पर पूर्व में भाजपा के ही एक दर्जाधारी का नाम भी जुड़ा हुआ है। तब तत्कालीन मुख्यमंत्री निशंक को उस समय अवैध कब्ज़े जैसा कोई मामला नहीं दिखा। खास बात ये है कि इस कुटिया की देखरेख कर रहे नामधारी को उन्होंने दर्जाधारी बना दिया था।
नामधारी तत्कालीन मुख्यमंत्री निशंक के रहें हैं करीबी
इस दर्जाधारी का नाम एक ऐसे मामले से भी जुड़ा है जहां एक शराब माफिया की हत्या और उसके ताने बाने को लेकर पुलिस काफी समय तक उलझी रही थी। नामधारी तत्कालीन मुख्यमंत्री निशंक के करीबी और चेहते भी थे। संभवतः इसलिए तब इस कुटिया का मामला विवादों में नहीं घिरा था। उधर प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सतपाल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ये भूमि अधिग्रहण शिक्षा संस्थाओं के लिए किया गया है। उन्होंने सतपाल को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर उन्होंने ये भूमि अपने हित में ली है, तो वो आरोप नहीं साबित करें। पूर्व मुख्यमंत्री निशंक भी सतपाल की तर्ज पर कांग्रेस पर हमला बोल रहे है। सवाल ये है कि तब निशंक ने ये बात क्यों नहीं उठाई थी जब इस कुटिया पर नामधारी का कब्ज़ा था । राज्यहित में जब शिक्षा संस्थाओं के लिए भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है तब और केवल तब ही भाजपा को सारे दोष क्यों दिखाई दे रहे है।