तीनों सेनाओं का सैल्यूट करने के तरीके में अंतर
अब बात करते हैं सैल्यूट की..हमने अक्सर सेना के जवानों-अधिकारियों को तिरंगे और सीनियर अधिकारियों को सैल्यूट करते हुए देखा है. लेकिन क्या आपने कभी तीनों सेना के जवानों को सैल्यूट करते हुए गौर से देखा है…अगर आपने गौर नहीं किया तो हम आपको बता दें कि तीनों सेनाओं का सैल्यूट करने के तरीके में अंतर होता है. अब आपके मन में जरुर ये सवाल उमड़ रहा होगा की आखिर ऐसा क्यों होता है और इसका क्या रीजन है तो आईये पढ़िए पूरी खबर और जानिए इसके पीछे की सच्चाई.
सैल्यूट का अर्थ
सैल्यूट हर सेना का जवान करता है चाहे वो वायु सेना का जवान हो या जल सेना का या थल सेना का. अक्सर जवान अपने से बड़े औऱ सीनियर को सैल्यूट करते हैं..जवान अधिकारियों को और उनकी वर्दी को सम्मान देते हैं और सैल्यूट करते हैं जो ये भी बताता है कि उनके पास इस समय कोई हथियार नहीं है और हर कोई उनपर विश्वास कर सकता है.
भारतीय थल सेना (Indian Army)
भारतीय सेना के सभी जवान आपको कई मौकों पर सैल्यूट करते हुए दिख जायेंगे, इंडियन आर्मी के जवान अपने खुले पंजे से सैल्यूट करते है उनकी सारी अंगुलियाँ सामने की ओर खुली रहती है. इसके अलावा बीच की उंगली और अंगूठा आपके सिर और आईब्रो तक होता है.
भारतीय जल सेना (Indian Navy)
इनका सैल्यूट करने का तरीका इंडिया आर्मी से काफी अलग होता है. इंडिया नेवी के जवान भी खुली हथेली से सैल्यूट करते है लेकिन उनकी हथेली नीचे की तरफ होती है. इस तरीके के सैल्यूट करने के तरीके के पीछे तर्क दिया जाता है कि पुराने जमाने में नेवी के जवान जहाज में काम भी करते थे जिसकी बजह से उनके हाथ गंदे हो जाते थे इसे छिपाने के लिए वो हथेली को नीचे की तरफ करके सैल्यूट करते थे और तब से ही इंडियन नेवी ऐसे ही सैल्यूट करती नजर आ रही है.
भारतीय वायु सेना (Indian Air Force)
पहले वायु सेना के जवान आर्मी की तरह ही सैल्यूट करते थे लेकिन साल 2006 में मार्च के महीने में इंडियन एयरफाॅर्स ने अपने जवानों के लिए सैल्यूट के नए फॉर्म तय किये थे. नए फॉर्म वह कुछ इस तरह सैल्यूट करते है कि वह हथेली और जमीन में 45 डिग्री का कोण बनाती है. इन्डियन एयर फाॅर्स इस तरह से आसमान की ओर अपने बढ़ते कदम को दर्शाती है.