Uttarkashi : क्यों माना जाता है गंगोत्री को इतना पवित्र ?, जानें इसका महत्व - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

क्यों माना जाता है गंगोत्री को इतना पवित्र ?, जानें इसका महत्व

Yogita Bisht
3 Min Read
गंगोत्री धाम (1)

गंगा के साथ पूरे भारत की आस्था जुड़ी हुई है। गंगा के जल को सबसे ज्यादा पवित्र माना जाता है। इसके साथ ही गंगा को गंगा मैय्या का दर्जा दिया गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गंगोत्री को इतना पवित्र क्यों माना जाता है ?

गंगोत्री धाम का किसने करवाया था निर्माण ?

गंगोत्री धाम समुद्र तल से 3042 मीटर की ऊँचाई पर बसा हुआ है। कहा जाता है की गांगा मैया के मंदिर का निर्माण गोरखा कमांडर अमर सिंह थापा ने 18 वीं शताब्दी में करवाया था। गंगोत्री धाम उत्तराखंड के चार धामों में से दूसरा धाम है। ये उत्तरकाशी की सुंदर वादियों के बीच बसा हुआ है। हरी-भरी वादियां, चहचहाती चिड़ियाएं, कल-कल कर बहती मां गंगा इस धाम की सुंदरता में चार चांद लगा देती हैं।

Gangotri

ब्रह्मा के कमंडल से कैसे धरती में आई भागीरथी

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम के पूर्वज रघुकुल के राजा भगीरथ ने मां गंगा को धरती पे लाने के लिए इसी जगह एक शिलाखंड पे बैठकर भगवान शिव कि घोर तपस्या की थी। भगवान शिव भागीरथ के तप से खूब प्रसन्न हुए और उन्होंने गंगा को ब्रह्मा जी के कमंडल से अपने सर पे धारण कर लिया।

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जिसके बाद शिव जी ने एक जटा खोलकर भगवान शिव ने गंगा को हिमालय की गोद में भेजा। मां गंगा ने धरती को पहली बार गंगोत्री धाम में ही स्पर्श किया। माना जाता है कि पांडवों ने महाभारत युद्ध में मारे गए। अपने परिजनों की आत्मा की शांति के लिए गंगोत्री धाम में देव यज्ञ करवाया था।

Gangotri

गंगोत्री धाम के 19 किलोमीटर की दूरी पर है गौमुख

गंगोत्री धाम उत्कर्ष्ठ सफ़ेद ग्रेनाइट की चमकदार पठारों से निर्मित है। यहां एक शिवलिंग भी है जो जलमग्न है।
गंगोत्री धाम के 19 किलोमीटर की दूरी पर गौमुख स्थित है। गौमुख वही जगह है जहां से भागीरथी नदी निकलती है। मान्यता है की जो कोई भी यहां के बर्फीले पानी में स्नान करता है उसके सारे पाप धुल जाते हैं।

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भारतीय हिंदुओं के लिए गंगोत्री धाम बहुत विशेष महत्व रखता है यह सनातन संस्कृति के मानने वाले लोगों के लिए तीर्थ क्षेत्र माना जाता है। कहा जाता है कि अपने पूर्ण आयु काल में एक बार इन तीर्थ स्थलों पर पर तीर्थ जरूर करना चाहिएl गंगोत्री मंदिर के पास एकत्रित गंगा जी के जल को अमृत के तुल्य माना जाता है और इससे सभी श्रद्धालु अपने घरों में लेकर जाते हैंl

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।