देहरादून : बीते दिन सरकार ने एनआईटी परिसर के लिए चयनित भूमि का पूजन किया साथ ही शिलान्यास किया जिसके बाद पूर्व सीएम हरीश रावत सरकार पर जमकर बरसे. पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने सोशल मीडिया के जरिए लगातार सरकार परवार किया औऱ गंभीर आरोप लगाए। अब हरीश रावत ने केंद्र सरकार को भी इसके लपेेटे में लेते हुए पोस्ट की.
हरीश रावत की पोस्ट
हरदा ने लिखा कि सरकार राज्य की हो या केन्द्र की हो, एक पाप कर्म कर चुकी है, एनआईटी सुमाड़ी का फिर से शिलान्यास कर, अब कहा जा रहा है, स्थायी परिसर। मैं, उनसे कहना चाहता हूँ, 2014 में सुमाड़ी गाॅव में हमने भी स्थायी परिसर का ही शिलान्यास किया था, पैंसा भी स्वीकृत था, जगह की अनुमति भी मिल गई थी, वन विभाग से। सारे गाॅव व इलाके वासी उस समारोह में सम्मिलित थे। अस्थायी परिसर तो श्रीनगर में है, हमने कभी अस्थायी परिसर का शिलान्यास नहीं किया, हमने सुमाड़ी में स्थायी परिसर का शिलान्यास किया। अब मान लीजिये, कहिये कि, हाॅ हमारी सरकार है, हम आपके शिलान्यास को नहीं मानते थे, तो हमने फिर से शिलान्यास कर लिया, मगर सरकार झूठ बोलती हुई अच्छी नहीं दिखाई देती है।
कल की पोस्ट
बीते दिन भी हरदा ने एक पोस्ट शेयर की थी जिसमें उन्होंने लिखा था कि हमारे राज्य में एक बहुत चिन्ताजनक, दुःखद, गलत प्रेक्टिस प्रारम्भ हो गई है। यदि पूर्ववर्तीय सरकार ने कोई काम स्वीकृत किया है, तो उसको बन्द कर दो और यदि पूर्ववर्तीय मुख्यमंत्री ने कोई शिलान्यास किया है, तो उस शिलान्यास को विवाद में डाल दो और उसके बाद फिर से उसका नये सिरे शिलान्यास कर, वाह-वाही लूटने का काम करो। एन.आई.टी. श्रीनगर का मैंने 2014 में केन्द्र सरकार के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में, जिसमें एन.आई.टी. के डायरेक्टर भी सम्मिलित थे, शिलान्यास किया, भूमि दिलवाई, सारे प्रकरण को जानबूझ करके विवाद में डाला गया और एन.आई.टी. को श्रीनगर से जयपुर स्थानान्तिरत भी कर दिया गया, अध्ययन के लिये और जब जन दबाव देखा गया, तो फिर से शिलान्यास किया जा रहा है, रमेश पोखरियाल निशंक जी से राज्य को बड़ी अपेक्षायें हैं, होनहार नेता हैं, हमारे राज्य के, एक नई एन.आई.टी. या और कोई बड़ा संस्थान राज्य में स्वीकृत करवा दें, एक और केन्द्रीय विश्वविद्यालय स्वीकृत करवा दें, मगर यह 2014 में हमारे शिलान्यास किये हुये, एन.आई.टी. का फिर से शिलान्यास कर रहे हैं, सुमाड़ी में। मैंने भी वहीं शिलान्यास किया, कौन सा भू-परिवर्तन हो गया? कौन सा हालात में परिवर्तन हो गया? केवल इस बात के हरीश रावत बदला, त्रिवेन्द्र रावत आये और ढाई साल से ज्यादा वक्त सुमाड़ी व श्रीनगर के लोगों को संघर्ष करते हुये बीत गया, अब उनके आंसू पोछने के लिये, जिस गमछे का इस्तेमाल हो रहा है, उसमें मिर्च लगाई जा रही है। मैं, उत्तराखण्ड के लोगों से प्रार्थना करना चाहता हॅू कि, इस प्रेक्टिस पर जरूर विचार करें, नहीं तो यह उत्तराखण्ड आने वाले दिनों में आधे-अधेरे निर्माण कार्यों का, स्वीकृतियों का संग्रहालय बनकर के रह जायेगा। हरीश रावत, आयेंगे-जायेंगे, त्रिवेन्द्र सिंह आयेंगे-जायेंगे, मगर गलत परम्परायें एक सरकार व एक मुख्यमंत्री के हटने के बाद, यदि दूसरा मुख्यमंत्री उलटबाजी करता है, तो उसका परिणाम राज्य की जनता को भुगतना पड़ता है। विजय बहुगुणा जी ने मेरी सरकार गिराने का काम किया था, लेकिन उनके द्वारा की गई सारी स्वीकृतियों को, मैंने अंजाम तक पहुंचाया और आप देख लीजिये, जितना मैंने अपनी स्वीकृतियों को क्रियान्वयन में ध्यान दिया, उससे ज्यादा मैंने विजय बहुगुणा जी घोषणाओं पर और उनको पूरा करने में ध्यान दिया, “I hope Trivendra Singh Rawat will act as a Gentleman Chief Minister”.