देहरादून: सात चरणों में संपन्न हुए 2019 के लोकसभा चुनावों के परिणाम का वक्त नजदीक आ गया है। 23 मई यानि कल ईवीएम में कैद प्रत्याशियों के भाग्य का पिटारा खुलेगा। इतना तय है कि किसी को जीत मिलेगी, तो किसी को हार। मतगणना को लेकर निर्वाचन आयोग ने अपनी सारी तैयारियां पूरी कर ली है। उत्तराखंड की पांचो लोकसभा सीटों पर पहले चरण में 11 अप्रैल को मतदान सम्पन्न हो गया था। 52 प्रत्याशियों के लिए 77,65,423 सामान्य मतदाताओं में से 47,75,517 ने अपने मत का प्रयोग किया था। 23,86,648 पुरुष और 23,88,831 महिला मतदाता और इसके अलावा 38 ट्रांसजेंडर मतदाता भी शामिल थे। यानी कुल मिलाकर 61.50 फीसदी मतदान हुआ था। लेकिन, इन सबके अलावा पोस्टा बैलेट से पड़े वोट भी अहम हैं। अगर मुकाबला करीबी रहा, तो यही पोस्टर बैलेट जीत-हार में निर्णायक साबित होंगे।
बड़ी संख्या में हैं पोस्टल बैलेट
प्रदेश में बड़ी संख्या में पोस्टल बैलेट हैं। तय मानिए कुछ जिलों में पोस्ट बैलेट केवल जीत-तार अंतर कम करने वाले साबित नहीं होंगे। बल्कि जीत-हार तस करने वाले साबित हो सकते हैं। पोस्टर बैलेट की गिनती सुबह साढ़े आठ बजे से शुरू की जाएगी। पोस्ट बैलेट की गिनती के लिए अलग से टेबल लगाया गया है। पोस्टल बैलेट की गणना से पहले सभी पोस्टल बैलेट के क्यूआर कोड को स्कैन किया जायेगा। प्रत्येक पोस्टल बैलेट में 4 क्यूआर कोड लगे हैं, जिसे स्कैन करने में एक मिनट का समय लगेगा। गढ़वाल और अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा सर्विस वोटर है। 21 मई तक 83053 पोस्टल बैलेट रिसीव किये जा चुके हैं।
पौड़ी में सबसे ज्यादा
टिहरी लोकसभा सीट के पोस्टर बैलेट की गणना देहरादून जिले में किया जाएगी, इसके लिए करीब 56 टेबल लगाए जाएंगे। और टिहरी लोकसभा सीट अभी तक कुल 15208 पोस्टल बैलेट आ चुके हैं। गढ़वाल लोकसभा सीट के पोस्टर बैलेट की गणना पौड़ी जिले में किया जाएगा, इसके लिए करीब 125 टेबल लगाए जाएंगे। सबसे ज्यादा गढ़वाल लोकसभा सीट अभी तक कुल 26863 पोस्टल बैलेट वापिस आये है। अल्मोड़ा लोकसभा सीट के पोस्टर बैलेट की गणना अल्मोड़ा जिले में किया जाएगा, इसके लिए करीब 100 टेबल लगाए जाएंगे। अल्मोड़ा लोकसभा सीट अभी तक कुल 21478 पोस्टल बैलेट वापस आये हैं। नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा सीट पर 11551 पोस्टल बैलेट आ चुके हैं। हरिद्वार लोकसभा सीट पर 7953 पोस्टल बैलेट आए हैं।
सभी जिला मुख्यालयों पर होगी मतगणना
8 से साढ़े आठ बजे तक पोस्टल बैलेट की गणना होने के बाद सभी जिला मुख्यालयों पर ईवीएम की मतगणना शुरू हो जाएगी। इसके लिए सभी जिला मुख्यालयों पर कुल 862 टेबल लगाये जायेंगे। गणना विधानसभा में आने वाले बूथों को कई चरणों मे किया जाएगा। थराली विधानसभा में सबसे ज्यादा 20 चरणों में मतगणना की जाएगी, वहीं 4-5 विधानसभा ऐसी भी हैं। जहा 10-10 चरणों में मतगणना की जाएगी।
कड़ी सुरक्षा के बीच होगी मतगणना
ईवीएम और वीवीपैट को त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा गया है। इसके लिए प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर स्ट्रांग रूम बनाये गए है। साथ ही 23 मई को मतगणना के दिन भी किसी भी प्रत्याशी या पार्टी प्रतिनिधि को मतगणना स्थल के भीतर नहीं जाने दिया जाएगा। इसके लिए मतगणना स्थल के बाहर सुरक्षा बल लगाए गए हैं। सीसीटीवी से निगरानी रखी जायेगी।
सभी विधानसभाओं से 5-5 वीवीपैट पर्चियों का मिलान
मतगणना संपन्न होने के बाद प्रदेश के सभी विधानसभाओं के बूथों में से एक-एक विधानसभा के संबंधित बूथों में से 5 बूथों के ईवीएम के परिणाम और वीवीपैट के परिणामों का मिलान किया जाएगा। इसके लिए विधानसभा से संबंधित सभी बूथों में आकस्मिक रूप से किन्हीं पांच बूथों को चुन जाएगा। उसके बाद वीवीपैट के सभी पर्चियों की गिनती कर ईवीएम से मिलान किया जाएगा। ताकि इस बात को पुख्ता किया जा सके कि ईवीएम में कोई गड़बड़ी नहीं है। इसके साथ ही निर्वाचन आयोग ने वीवीपैट के कॉउंटिंग के लिए अलग से केबिन भी बनाया है।
करीब सात हजार से ज्यादा कर्मचारियों की ड्यूटी
प्रदेश के पांचों लोकसभा सीटों पर मतगणना के लिए 7 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। जिसमें सुरक्षा व्यवस्था को बनाये रखने के लिए पुलिस कर्मचारी भी शामिल हैं। इसके साथ ही मतगणना परिसर में मोबाइल, कैमरा और अन्य इलेक्ट्रॉनिक चीजें वर्जित हंै। अधिकारी खुद भी अपने मोबाइल को मतगणना हॉल में नहीं ले जा सकेंगे।