देहरादून- लाल बत्तियों का जलवा बेशक देश से खत्म हो जाए लेकिन उत्तराखंड में लाल बत्तियों को लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने अमर कर दिया है। नेगी दा ने तिवारी सरकार के दौर में दर्जाधारी लाल बत्तियों के आवंटन को चूड़ा-बुखणा तक बताया बावजूद इसके दर्जाधारियों का जलवा बरकरार रहा। चाहे सरकार किसी की भी रही हो।
एक बार फिर से उत्तराखंड राज्य में दर्जा प्राप्त करने की हसरत मंत्रियों के खास करीबियों के दिल मे जगने लगी है। लेकिन सूबे की टीएसआर सरकार में मंत्री जी अपने दाहिने हाथ को अपने दम पर ही दर्जा धारी बना दें मुमकिन नहीं है।
दरअसल अब मंत्री अपने किसी खास करीबी को अपनी मर्जी से निगम, बोर्ड या किसी समिति का अध्यक्ष, उपाध्यक्ष या सलाहकार नहीं बना सकते। पद चाहे संवैधानिक हो या गैर संवैधानिक बिना मुख्यमंत्री के अनुमोदन से दर्जा मिलना संभव नहीं है।
तय है कि दर्जाधारी बनने के लिए मंत्री हो या उनके सियासी संतरी सबको सीएम की कसौटी पर खरा उतरना पड़ेगा। बिना सीएम के अनुमोदन से किसी को कोई दर्जा नहीं दिया जाएगा। इसके लिए आदेश भी जारी हो गए हैं।