देहरादून। शहर भर में नगर निगर द्वारा बनाए गए बस स्टॉप महज शो-पीस बने हुए है। न इन बस स्टॉपो पर सिटी बसों के पहिए थमते हैं, न मुसाफिर यहां खड़े रह कर बस का इंतजार करते हैं। इनका उपयोग हो रहा तो सिर्फ और सिर्फ विज्ञापन के लिए। इस पूरे मामले में सिटी बस संगठन नगर निगम को दोषी ठहरा रहा हैं। संगठन का कहना है कि नगर निगम ने यह बस स्टॉप ऐसी जगह बनाए हैं जहां मुसाफिर नहीं रुकते है। इस पूरे मामले में नगर निगम और पुलिस प्रशासन एक दूसरे के पाले में गेंद फेंक रहे हैं। पुलिस का कहना है कि हमारे साथ बिना सलाह मशवरा करके शहर में बस स्टॉप बनाए गए हैं। जबकि मेयर विनेद चमोली का कहना है कि इन बस स्टॉपेज के चिन्हीकरण की प्रक्रिया बाकायदा एक कमेटी द्वारा पूरी की गई थी। जिसमें पुलिस के भी अधिकारी शामिल थे। वहीं उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में पब्लिक डिमांड पर भी स्टॉपेज बनाए गए हैं। सच क्या है ये तो वही जाने लेकिन सिटी बस स्टॉपेज की हकीकत शहर की सिटी बस बेपर्दा कर देती हैं। जो वहां रूकती है जहां मुसाफिर रूकते है।