देश में सरकार ने अस्पतालों को इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) के तहत इलाज के लिए मरीज की जरुरतों के धार पर निर्णय लेने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इन दिशा निर्देशों में कहा गया है कि अस्पताल में गंभीर रुप से बीमार मरीजों को उनके रिश्तेदारों द्वारा इंकार करने कि स्थिति में आईसीयू में भर्ती नहीं किया जा सकता है।
ICU में प्रवेश के संबंध में ये दिशानिर्देश क्रिटिकल केयर मेडिसिन में विशेषज्ञता वाले 24 शीर्ष डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा तैयार किए गए हैं। पैनल ने उन चिकित्सीय स्थितियों की एक सूची बनाई है जिनके तहत मरीज को आईसीयू में रखने की जरुरत होती है।
पैनल में शामिल विशेषज्ञों ने क्या कहा?
पैनल में शामिल विशेषज्ञों ने कहा है कि आईसीयू एक सीमित संसाधन है, हर किसी को इसमें भर्ती करने से जरुरत पड़न पर अति आवश्यक मामलों में रोगियों को बेड नहीं मिल पाते हैं, इसलिए ये दिशा निर्देश जरुरी हैं। इससे मरीज के परिजनों और अस्पताल प्रशासन के बीच पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
ICU में किसे भर्ती करना है?
इस संबंध में जारी गाइडलाइंस मे स्पष्ट किया गया है कि गंभीर या असाध्य रुप से बीमार रोगियों का अस्पताल में यदि उपचार संभव या उपलब्ध नहीं है, और चिकित्सा जारी रखने से भी रोगी के जीवित रहने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, तो ऐसे रोगियों को आईसीयू में नहीं रखा जाना चाहिए। पैनल ने कहा है, कुछ स्थितियां ऐसी हैं जिसमें रोगी को आईसीयू में रखा जाना बहुत जरुरी होता है। ऐसे मामलों में जहां सर्जरी के बाद हालत खराब हो जाती है या जिन रोगियों को बड़ी सर्जरी के बाद जटिलताओं का खतरा हो सकता है उन्हें आईसीयू में भर्ती किया जाना जरुरी है।