औली में 15 जनवरी से शुरू होने वाली एफआइएस स्कीईंग चैंपियनशिप का फैसला पांच जनवरी को ही हो पाएगा होगा। इस दिन फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल स्कीईंग (एफआइएस) का एक दल औली में आकर चैंपियनशिप की तैयारियों का निरीक्षण करेगा। इसके बाद ही यह तय होगा कि प्रस्तावित तिथि पर ही चैंपियनशिप होगी अथवा इसमें कोई बदलाव होगा।
हालांकि, नववर्ष के पहले दिन औली में बर्फ पड़ने से पर्यटन विभाग यह उम्मीद कर रहा है कि तय तिथि से प्रतियोगिता शुरू हो जाएगी। इस प्रतियोगिता में भारत के अलावा सात देशों के तकरीबन डेढ सौ खिलाड़ी-अधिकारी हिस्सा लेने की पुष्टि कर चुके हैं।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में विंटर गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (डब्लूजीएफआइ) के सहयोग से पर्यटन विभाग इंटरनेशनल स्कीईंग चैंपियनशिप का आयोजन कराने जा रहा है। बर्फ कम होने की सूरत में औली में रखी गई आर्टिफिशियल स्नो मेकिंग मशीन को दुरुस्त किया गया और इसके रखरखाव के लिए फ्रांस की कंपनी की एक टीम यहां तैनात है। इस मशीन को बर्फ बनाने के लिए माइनस दो (-2) डिग्री का तापमान चाहिए। यह तापमान अभी केवल रात को ही कुछ घंटों के लिए मिल पा रहा था। इस रफ्तार से औली में चैंपियनशिप के लिए डेढ़ किलोमीटर लंबा स्कीईंग स्लोप बनाने का काम निर्धारित समय से पूरा होता नजर नहीं आ रहा था।
इससे राज्य का पर्यटन विभाग खासा चिंतित था। लेकिन सोमवार को औली में हुई दो इंच बर्फबारी से विभाग के चेहरे खिल गए हैं। वहीं पर्यटन विभाग के लिए सुकून की बात ये है कि मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में तापमान और अधिक गिरने की संभावना जताई है।
ऐसे में पर्यटन विभाग का मानना है कि अब स्नो मेकिंग मशीन तेजी से काम कर सकेगी। इससे चैंपियनशिप की तय तिथि तक अंतर्राष्ट्रीय मानकों के हिसाब से स्लोप को बनाने का काम पूरा हो जाएगा।
हालांकि, अब आयोजकों की नजरें एफआइएस प्रतिनिधिमंडल के पांच जनवरी को होने वाले दौरे पर टिकी हैं। यह प्रतिनिधिमंडल ही यह तय करेगा कि चैंपियनशिप को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत ही कराया जाए या फिर इसमें कुछ बदलाव किया जाए।
वहीं सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर का कहना है कि बर्फबारी से चैंपियनशिप को खासा फायदा होगा। तापमान कम होने से बर्फ बनाने की मशीन भी तेजी से काम कर पाएगी। उम्मीद है कि पांच जनवरी को एफआइएस का प्रतिनिधिमंडल नियत तिथि पर ही चैंपियनशिप कराने की अनुमति दे देगा।
आपको बता दें कि औली में होने वाली चैंपियनशिप में इटली, अफगानिस्तान, नेपाल, तजाकिस्तान, फिनलैंड, लक्समबर्ग और भारत के पांच राज्यों के साथ ही आइटीबीपी समेत एक क्लब शामिल है।