किच्छा(मोहम्मद यासीन) – सिरसा से शक्ति फार्म को जाने वाली बदहाल हो चुकी सड़क के डामरीकरण का काम शिलान्यास से आगे नहीं बढ़ पा रहा है।
इलाके के यातायात के लिए जरूरी सड़क को सियासी मुद्दा बना दिया गया है। हर चुनाव में सड़क की सेहत का सवाल उठता है।
सियासत बातें करती है और संघर्षरत जनता को आश्वासन देती है। शिलान्यास होता है, लेकिन सिरसा से शक्ति फार्म जाने वाली सड़क की हकीकत में सेहत नहीं सुधरती।
स्थानीय लोगों का कहना है कि साल 2012 मे पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने सितारगंज से जब उपचुनचाव लड़ा था उस समय भी सिरसा-शक्तिफार्म रोड एक हॉट चुनावी मुद्दा रहा था। उस वक्त भी सड़क का शिलान्यास हुआ था। उसके बाद साल 2017 में भी सड़क के सुधार के लिए जनता ने संघर्ष किया फिर सरकार से आश्वासन मिला की जल्द ही चकाचक सड़क सिरसा से शक्ति फॉर्म पहुंच जाएगी।
स्थानीय लोगों की माने तो सड़क की सेहत सुधारने के लिए पैसा भी आवंटित किया गया है लेकिन अब जंगलात महकमा अपना पेंच फंसा रहा है। ऐसे में इलाकाई लोगों का सब्र टूटने लगा है। सरकारी तिलस्म में फंसी सिरसा-शक्तिफॉर्म सड़क की सेहत दिनो-दिनो गिरती जा रही है।
ऐसे में इससे हर रोज गुजरने वाले स्थानीय राहगीरों का गुस्सा कब आंदोलन की शक्ल ले ले कहा नहीं जा सकता । लिहाजा जरूरत है उस वादे पर अमल करने की जिसे सरकारों ने चुनाव के दरम्यिान जनता से किया था।