राजधानी देहरादून में बढ़ते सड़क हादसों के ग्राफ को कम करने के लिए दून पुलिस ने शहर के कई इलाकों में स्पीड रडार गन तैनात की है। ओवरस्पीड से चलने वालों के ताबड़तोड़ चालान भी हो रहे हैं लेकिन फिर भी रफ्तार पर लगाम नहीं लग पा रही। जो कि सड़क हादसो का करण है।
पांच दिन में 126 चालान
दून में 90 परसेंट एक्सीडेंट्स का कारण ओवरस्पीड रही है। ओवरस्पीड पर लगाम लगाने के लिए पीएचक्यू ने 26 मई को दून पुलिस को स्पीड रडार गन दी थीं। स्पीड रडार गन ओवरस्पीड से चलने वालों को ट्रेस कर रही है और इससे ताबड़तोड़ चालान भी हो रहे हैं और कईयों के लाइसेंस भी निरस्त किए जा चुके है। आपको बता दें कि पांच दिन में दून पुलिस ने ओवरस्पीड में 126 चालान काटे हैं।
तय की गई है स्पीड लिमिट
सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट के तहत राजधानी दून के सभी मार्गो के लिए वाहनों की गति सीमा तय है। इसके लिए शासन ने पुलिस विभाग को निर्देश जारी किये है। इसमें घंटाघर से मसूरी डायवर्जन तक टू व्हीलर्स, थ्री व्हिलर्स और भारी वाहने के लिए अधिकतम गति सीमा भी तय की गई है इसके बावजूद अब तक ओवरस्पीड पर लगाम नही लगा जिससे आए दिन हादसे हो रहे हैं और आए दिन लोगो को अपनी जान ग्वानी पड़ रही है।
आखिर गलती किसकी?? पुलिस प्रशासन की या ओवरस्पीडरो की.. जहा एक तरफ पुलिस इस कोशिश में ही कि ओवरस्पीडरो का चालान काटकर उंहे सबक दिया जाए और हादसो पर लगाम लगा सके और वही दूसरी तरफ जनता कान से बहरी होती जा रही है।