रामनगर- जब ससुर अपनी ही पुत्रबधु को गंदी निगाह से देखने लगे और उसे धमकाने लगे तो स्त्री के पास अपनी अस्मिता की रक्षा का एक ही रास्ता बचता है पुलिस की शरण। उसे उम्मीद होती है कि कानून के रखवाले द्वापर के कृ्ष्ण की तरह उसकी लाज बचाएंगे। लेकिन अगर खाकी भी उसकी मदद न करे तो वो क्या करे सिवाय अनशन के।
रामनगर में कोतवाली के बाहर एक परिवार आमरण अनशन कर इंसाफ की गुहार लगा रहा है। इस परिवार मे दो बच्चे है और एक दम्पति। पत्नी का आरोप है कि उसके ससुर उस पर गंदी निगाह रखते हैं। बार-बार धमकाते हैं कि मै तुझे अपनी बीवी बनाऊंगा। ससुर की नजायज हरकत को ससुराल में कोई नही रोकता न सास न देवर सब पीडिता को धमकाते हैं । पीडिता का आरोप है कि मै अपना परिवार चाय-पकौड़ी का ठेला लगाकर चलाती हूं उस ठेले को भी ससुर ने तोड़कर रख दिया है।
मीडिया के सामने आपबाती सुनाती पीड़िता का गला रूंध जाता है जब वो कहती है कि पुलिस को दरख्वास्त दी है लेकिन इंसाफ नही मिला । ससुराल की दंबगई इतनी है कि पुलिस को भी उसके ससुराल वालों ने घर से भगा दिया। पीडिता दर्द भरे स्वर मे कहती है जब उसके ससुराली पुलिस के साथ इतनी बदतमीजी से पेश आए हों तो उसके साथ कैसे पेश आते होंगे। अागे कहती है इंसाफ नही मिलेगा तो बच्चो समेत हम दोनो खुदकुशी कर लेंगे। जी हां अगर आरोपों मे रत्ती भर भी सच्चाई है तो कहा जा सकता है कि इन हालातों में न तो बेटी पढ़ सकती है न खेल सकती है और न जिंदा रह सकती है।