टिहरी- राज्य विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है हर क्षेत्र में तरक्की की नई इबारत लिखी जा रही है। इस तरह के तमाम दावें सरकार की तरफ से किए जा रहे है लेकिन ये खबर है एक ऐसे गांव की जहां बुनियादी सहूलियतों मे एक सड़क के लिए लोग तरस रहे है। इस खबर में हम टिहरी जिले के जौनपुर विकासखंड के ओडियाना गांव की हकीकत से आपको रूबरू करवाते हैं कैसे पहाड़ की जनता दिक्कतों में अपनी ज़िन्दगी गुजारने को मजबूर हो रही है। उनके लिए न अच्छे दिन आ रहे हैं और न वे प्रगति के पथ पर चल रहे है।
जौनपुर विकासखंड का ओडियाना गांव विकास से कोसो दूर खड़ा है। इस गांव के लोगों को बुनियादी सुविधाएं तो दूर की बात है चलने के लिए सड़क तक नहीं मिल पा रही है। इस गांव को शहर से जोड़ने वाला सम्पर्क मार्ग 15 साल पहले बनाया गया था लेकिन उसके बाद सड़क की सेहत पर किसी भी जिम्मेदार ने नजरेंइनायत करना मुनासिब नहीं समझा। अाज सड़क की सेहत पहाड़ में सेहत के सवाल की तरह गंभीर और विकराल हो गई है।
15 साल पहले बनी सड़क रखरखाव के आभाव में हर साल बरसात में भूस्खलन से रिस रिस कर खत्म हो गई। हालात अब ये हो चले है कि स्कूल जाने वाले बच्चों को जोखिम भरे पत्थरों की चट्टानों से होकर गुजरना पड़ता है। यहीं नहीं इस खतरनाक रास्ते पर गुज़रने वाले ग्रामीणों के सर पर हादसे का साया मंडराता रहता है। ऐसा नहीं है कि गांव वालों ने इसके लिए संबंधित विभाग या अधिकारियों को इसके बारे में अवगत न कराया हो। हर जिम्मेदार वाकिफ है हर चुनावी साल में ओडियाना के लिए सड़क का भंरोसा दिलाया जाता है लेकिन ढाक के तीन पात ही रह जाते हैं। लगता है धनोल्टी विधानसभा क्षेत्र के इस गांव से देहरादून की दूरी लखनऊ से भी ज्यादा हो गई है।