देहरादून : एक बार फिर से उत्तराखंड रोडवेज बसों के पहिए थम जाएंगे. त्यौहार के सीजन में ये हड़ताड़ आम जनता को मुसीबत में डालेगी. रोडवेज कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार के ऐलान के बाद निगम औऱ सरकार के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है. इस ऐलान का सीधा सा असर आम जनता औऱ यात्रा पर पड़ेगा.
ये है कर्मचारियों की मांगे
बता दें कि उत्तराखंड परिवहन निगम प्रबंधन निगम के लिए सीजन में रोडवेज बसों को सुचारु रुप से चलाना बड़ी मुसीबत बन गई है। शासन से बजट जारी होने के बावजूद सितंबर महीने का वेतन और दीपावली का बोनस न मिलने समेत अन्य मांगों को लेकर रोडवेजकर्मियों ने आंदोलन की तैयारी कर ली है। कर्मचारी यूनियन ने प्रबंधन को 22 अक्टूबर तक का समय दिया है। अगर सितंबर का वेतन एवं बोनस जारी नहीं होता है तो यूनियन ने 22 की आधी रात 12 बजे से प्रदेशभर में कार्य बहिष्कार पर जाने की चेतावनी दी है।
रोडवेज प्रबंध निदेशक को भेजे गए नोटिस में उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि यूनियन की बैठक आइएसबीटी पर हुई। इसमें सितंबर के वेतन और बोनस की मांग दीपावली से पहले की गई, साथ ही नियमित व सेवानिवृत्त कर्मियों के भुगतान में अनियमितता और अनुशासनिक प्रकरणों में कुछ अधिकारियों पर भेदभाव के आरोप लगाए गए।
वर्तमान में निगम की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है-महाप्रबंधक
महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि शासन से जो बजट जारी हुआ था, उससे कर्मचारियों को दो महीने जुलाई और अगस्त का वेतन दिया गया। वर्तमान में निगम की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है और आय के साधन जुटाए जा रहे हैं। जैसे ही बजट की उपलब्धता होगी, तभी लंबित वेतन जारी कर दिया जाएगा। त्योहारी वक्त में कर्मचारियों को निगम हित में आंदोलन से बचना चाहिए।