देहरादून- कांग्रेस के दिग्गज नेता और उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत के सामने इन दिनों क्या करें, क्या न करें की स्थिति पैदा हो गई है. एक तरफ क्षेत्रीय कार्यक्रमों में प्रतिभाग का न्यौता तो दूसरी तरफ हाईकमान का त्रिपुरा जाने का आदेश. हमेशा से ही रावत पर आरोप लगते आये हैं कि वो पार्टी के कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लेते हैं और बाद में पार्टी पदाधिकारियों द्वारा न्योता न मिलने का बहाना बना देते हैं।
इस बार हल्द्वानी में सहकारिता का महासम्मेलन का आयोजन होना है, लेकिन इसी समय हरीश रावत को त्रिपुरा में कांग्रेस की नींव मजबूत करने का जिम्मा मिला है, इसलिए कांग्रेज दिग्गज असमंजस की स्थिति में आ गये हैं। हरीश रावत ने सभी पदाधिकारियों से माफी मांगते हुए कहा है कि वो पार्टी के सिपाही और पार्टी के आदेश का पालन करते हुए 13 फरवरी को शिवालय में जल चढ़ाकर त्रिपुरा के लिए निकल जाएंगे।
हरीश रावत ने ट्वीट कर मांगी माफी
मैं फिर एक बड़ी उलझन में फंस गया हूं, 15 तारीख को हल्द्वानी में सहकारिता का महासम्मेलन है और पार्टी ने मेरी ड्यूटी त्रिपुरा लगा दी है। कल अपने शिवालय में जल चढ़ाकर मैं, त्रिपुरा में कांग्रेस की जीत के लिए काम करने निकल जाऊंगा। मैं अपने सभी सहकारिता बंधुओं से और…
पहले भी हरीश रावत की इस उलझन और ऐसी रवैये से परेशान पार्टी पदाधिकारियों की और हरीश रावत के बीच कई बार जुबानी जंग तक शुरू हो जाती है। लेकिन शायद इस बार हरीश रावत फॉर्म में है इसलिए उन्होंने पहले ही कार्यक्रम में अनुपस्थिति के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं से माफी मांगते हुए त्रिपुरा जाने की जानकारी ट्वीट कर पहले ही दे दी.