देहरादून: उत्तराखंड में मानसून लगातार सितम ढा रहा है। बुधवार को देहरादून में बारिश ने दो और जानें ले लीं। इनमें एक वन गुर्जर की आसन नदी पार करते वक्त मौत हुई, जबकि कारगी क्षेत्र में खेत में भरे पानी में गिरकर दूध विक्रेता की। इसके साथ ही 24 घंटे में दून में आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़कर छह हो गई है।
मौसम के कहर से देहरादून सबसे अधिक प्रभावित रहा। सुबह करीब आठ बजे से छह घंटे तक वर्षा का क्रम ने बिंदाल, आसन, बाल्दी समेत अन्य नदियों के उफान ने सांसें अटकाए रखीं। सहस्रधारा में बाल्दी नदी ने खासा नुकसान पहुंचाया। सिल्ला गांव में कई घरों में फिर मलबा आ घुसा। प्रेमनगर क्षेत्र में चार वाहन बह गए। दिल्ली-देहरादून हाईवे बंद रहने से सात घंटे तक यात्री परेशान रहे, जबकि मसूरी-देहरादून मार्ग पर भी मलबा आने से यातायात बाधित होता रहा। यही नहीं, शहर में सड़कों ने नालों का रूप धरे रखा तो जगह-जगह जलभराव ने मुसीबतें बढ़ाए रखीं।
वहीं, डॉटकाली मंदिर के नजदीक पहाड़ी पर भू-स्खलन का मलबा आने से दिल्ली-देहरादून हाईवे सात घंटे बाधित रहा। मसूरी-देहरादून मार्ग का आलम भी इससे जुदा नहीं रहा। शहर में जलभराव ने दिक्कतें बढ़ाए रखीं तो आसपास के क्षेत्रों में चार घरों व इतनी ही दुकानों को क्षति पहुंची है।
कार्लीगाड और रंगड़गांव क्षेत्रों की 20 हजार से अधिक आबादी का देहरादून से सड़क संपर्क टूट गया। स्कूलों में भी बच्चे फंसे रहे। वहीं, भारी वर्षा के मद्देनजर केदारनाथ यात्रियों को ऐहतियातन बुधवार को गौरीकुंड में रोका गया है। गंगाजल लेने गोमुख जाने वाले कांवड़ियों को उत्तरकाशी में रोका गया है। बदरीनाथ राजमार्ग का लामबगड़ में करीब 20 मीटर हिस्सा बह गया। गंगोत्री व यमुनोत्री हाईवे भी बंद होते और खुलते रहे। यही नहीं, राज्यभर में नदी-नाले उफान पर हैं।
हरिद्वार में गंगा चेतावनी रेखा से ऊपर बह रही है। टिहरी झील के जल स्तर में तीन मीटर का इजाफा हुआ है। उधर, अल्मोड़ा हाईवे पर बस पर गिरे बोल्डर की चपेट में आकर चालक घायल हो गया। पिथौरागढ़ में सात और नैनीताल में पांच घर अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त हुए हैं। दूसरी ओर, राज्यभर में 172 संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं।