पौड़ी- 2017 की चुनावी दंगल में भाजपाई पहलवान चुनाव के अखाड़े में किसे दांव देते हैं ये देखना बेशक दिलचस्प हो लेकिंन आलाकमान के लिए बहुत बड़ा सिरदर्द बन रहा है। पुराने कांग्रेसियों के गले में भाजपा का पटका पुराने भाजपाइयों को नही भा रहा है। कहीं बगावत का ज्वालामुखी तो नहीं धधक रहा है इसका जायजा लेने आजकल पार्टी के प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू सूबे के दौरे पर हैं ।
आज पार्टी प्रभारी श्रीनगर में पौड़ी जिले की स्थिति और कार्यकर्ताओं के मनोबल को टटोलेंगे साथ ही मजबूत दावेदार कौन है इसकी पड़ताल भी करेंगे। माना जाता है कि पिछली बार के विधानसभा चुनाव में श्रीनगर सीट पर भाजपा का प्रत्य़ाशी चयन सही नही रहा और इसलिए भाजपा ने श्रीनगर सीट गंवाई। गौरतलब है कि इस सीट पर पहले मेजर जनरल भुवनचंद्र खंडूड़ी को उतराने की कवायद चल रही थी कि अचानक से पार्टी ने उन्हें कोटद्वार भेजकर श्रीनगर का टिकट धनसिंह रावत को थमा दिया था। रावत कुछ करिश्मा नहीं दिखा पाए और भाजपा को इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा।
इस बार भाजपा की हालत दूध के जले जैसी है लिहाजा उसे छांछ भी फूंक-फूंक कर पीनी पड़ रही है। कांग्रेस से भाजपा में शामिल सियासी दिग्गजों को कुछ भाजपाई अपनी सेना में नए रंगरूट से ज्यादा मानने को तैयार नहीं हैं । ऐसे में आलाकमान को एक सतुंलन बनाने मे बड़ी कसरत करनी पड़ रही है। कल यानी शनिवार को पार्टी के प्रदेश प्रभारी कर्णप्रयाग थराली और बदरीनाथ सीट पर भाजपा का जायजा लेंगे और इन सीटों पर पार्टी के लिए क्या संभावनाएं बन रही है उसका भी जायजा लेंगे।
हालांकि चमोली जिले की ये तीनों सीट मौजूदा वक्त में कांग्रेस के पास हैं। ऐसे में भाजपा इन सीटों पर कुछ करिश्मा कर सकती है और कैसे इस पर मंथन किया जाएगा साथ ही किस उम्मीदवार पर दांव खेला जाए और किसकी कितनी ताकत है इसकी भी लिस्ट बनेगी। डैमेज कंट्रोल का पता तो उस दिन ही चलेगा जब चुनाव में नाम वापसी का दिन होगा।