काशीपुर, संवाददाता- इस देवभूमि का मिजाज बदल रहा है। बेटियां बचाओ बेटियां पढाओं के नारे की यहां कोई अहमियत नहीं दिख रही है। आलम ये है कि बेटियों पर करीबी-रिश्तेदारों यहां तक कि पिता की ही नजर लग रही है।
उत्तरकाशी जिले के पौंटी गांव से गायब होने के बाद बरामद किशोरियों के ह्यूमन ट्रैफिंकिंग से जुड़े मामले की आंच अभी अंजाम तक भी नहीं पहुंची कि उधर काशीपुर में भी एक शातिर बाप ने अपनी ही दुधमुंही बच्ची बेचने का जाल बिछा दिया है।
दरअसल आरोपी बाप पर वो मां आरोप लगा रही है जिसने अपनी कोख में नौ माह तक बेटी की हिफाजत की थी। मां की माने तो आरोपी जिसका नाम महिपाल बताया जा रहा है उसने पहले भी 2015 में उसकी पहली बेटी को तीस हजार में बेच दिया था। पहली बेटी को बेचने में कामयाब होने के बाद शैतान बाप का लालच बढ गया। ऐसे मेंं बेटी बचाने और पढाने के बजाए उस शैतान बाप ने बेटी को अपनी कमाई का घिनौना जरिया बना रखा है। महिला की माने तो आरोपी ने उसके साथ झूठ बोलकर मंदिर में शादी रचाई। विवाह के बाद पहली बेटी हुई तो उसे रहस्यमयी हालत मे गायब कर दिया बाद मे पता चला कि उसने पहली को बेच दिया।
अब इस बार फिर दूसरी बेटी पैदा हुई तो हैवान बाप ने दुधमुही बेटी को बेचने के लिए बेकरार है। परिचालक का काम करने वाला बेटियों का सौदागर बाप पर आरोप है कि वह और उसकी पहली पत्नी भी महिला को डरा धमका कर बेटी बेचने का दबाव बना रहे हैं। महिला आयोग की उपाध्यक्ष के संज्ञान में आने के बाद अब अब मामले ने तूल पकड़ लिया है।
जो पुलिस कल तक आरोपी महिपाल के खिलाफ महिला की फरियाद सुनने को भी तैयार नहीं थी अब महिला आयोग की फटकार के बाद दबिश देने और एक्शन लेने की बात करने लगी है। ह्यूमन ट्रैफिकिंग के इस आरोप में पुलिस के आलाधिकारियों का कहना है कि जल्द ही आरोपी को हिरासत मे लेकर पूछताछ की जाएगी।
बहरहाल बड़ा सवाल ये है कि आखिर जब बाप की नजर से ही बेटी महफूज न हो तो मां कैसे बेटी को बचा पाएगी। लिहाजा जरूरत है सख्त कानून और उस पर अमल करने की ताकि फिर कोई ऐसा दुराचारी बाप मातृशक्ति का अपमान न कर सके और बेटियां मुल्क में महफूज रहें।