उत्तराखंड में मौसम की दुश्वारियां बनी हुई हैं। बदरीनाथ हाईवे सोमवार को लामबगड़ में पहाड़ी से मलबा आने से फिर बाधित हो गया। इसके चलते तकरीबन 600 सौ यात्री विभिन्न पड़ावों पर फंसे हैं। इस बीच, बदरीनाथ धाम के आसपास की पहाडिय़ों पर सीजन का पहला हिमपात भी हुआ।
पौड़ी में एक एक मकान के भूस्खलन की चपेट में आने की आशंका के चलते उसमें रह रहे परिवार को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया है। यहां पौड़ी-कोटद्वार मार्ग तीन घंटे बाधित रहा। पिथौरागढ़ में मलबा आने से जौलजीवी-मुनस्यारी मार्ग पूरे दिन बाधित रहा। मौसम विभाग ने अगले चौबीस घंटों के दौरान हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है।
तीन रोज बाद रविवार को बदरीनाथ हाईवे पर यातायात सुचारु हो पाया था, लेकिन रात हुई बारिश से लामबगड़ में फिर पर काफी मात्रा में मलबा सड़क पर आ गया। यहां पूरे दिन वाहनों की आवाजाही नहीं हो पाई। लगभग पांच सौ यात्री पैदल ही बदरीनाथ धाम के लिए रवाना हुए। जोशीमठ में रुके 600 यात्री पूरे दिन हाईवे खुलने का इंतजार करते रहे। रुक-रुक कर हो रही बारिश के चलते देर शाम तक बंद हाईवे खोलने का काम शुरू नहीं हो पाया।
इन दिनों श्री बदरीनाथ धाम के सद्गुरु आश्रम, शांति निकेतन, ग्वालियर भवन, काशी मठ समेत अन्य स्थानों पर भागवत कथा, शिव पुराण कथाओं का आयोजन चल रहा है। इनमें शिरकत करने के लिए काफी संख्या में यात्री तमाम दुश्वारियां झेलकर पैदल ही धाम तक पहुंच रहे हैं। तकरीबन 1000 यात्री, पांडुकेश्वर व गोविंदघाट में और 600 यात्री लामबगड़ में रुके हैं।
कुमाऊं मंडल में पिथौरागढ, अल्मोडा और नैनीताल जिले में कई स्थानों पर पूरे दिन रुक-रुक कर बारिश होती रही। पिथौरागढ़ में मलबा आने के कारण जौलजीवी-मुनस्यारी मार्ग बाधित रहा।