भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के चेयरमैन आरएस शर्मा ने ग्राहकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कहा है कि प्रति चैनल के लिए ग्राहकों से एक महीने में 12 रुपये वसूले जाएंगे। पहले इसकी कीमत 19 रुपये थी। अगर ग्राहकों को चैनल बुके में मिलता है, तो उसका अधिकतम दाम 12 रुपये प्रति चैनल ही होगा। आगे उन्होंने कहा कि पहले कुछ चैनल के लिए ग्राहकों से पांच रुपये वसूले जाते थे, जो बाद में 19 रुपये हो गया था। एसडी और एचडी दोनों में ही इसका दाम समान था।
दो कनेक्शन में ज्यादा बचत
भारत में करीब 60 लाख घरों में एक से अधिक कनेक्शन हैं। नए नियमों से ऐसे ग्राहक भी हर महीने पैसे बचा सकेंगे। एक से ज्यादा कनेक्शंस वाले ग्राहक हर महीने 98 रुपये की बचत कर सकेंगे। पहले हर कनेक्शन के लिए ग्राहकों को 130 रुपये का भुगतान करना पड़ता था। जबकि नई पॉलिसी के तहत पहले कनेक्शन के लिए 130 रुपये और दूसरे व तीसरे कनेक्शन के लिए 130 रुपये का 40 फीसदी यानी 52 रुपये प्रति कनेक्शन देने होंगे।
हर महीने बचा सकते हैं 80 रुपये
ट्राई के सचिव एसके गुप्ता ने कहा कि पिछले साल फरवरी में जब पहली बार न्यू टैरिफ ऑर्डर (एनटीओ) जारी किया गया था, तब कंज्यूमर 130 रुपये एनसीएफ चुकाकर 100 चैनल देखते थे। वितरण प्लेटफॉर्म परिचालकों (डीपीओ) के फीडबैक के अनुसार, अधिकांश उपभोक्ता 200 के करीब चैनल्स सब्सक्राइब कर रहे थे। यानी 200 चैनलों में से 100 चैनल देखने के लिए ग्रोहक 130 रुपये चुकाते थे। वहीं बाकी के 100 चैनल्स के लिए 25 चैनल के स्लैब में 20-20 रुपये करके 80 रुपये नेटवर्क क्षमता शुल्क के रूप में भुगतान कर रहे थे। नियमों में बदलाव के बाद अब यह चार्ज नहीं लगेगा। यानी ग्राहकों के 80 रुपये बच जाएंगे और 130 रुपये में ही 200 चैनल्स देख सकेंगे।
पहले 19 अब 12
पिछले दिनों ही ट्राई ने अपने आदेश में किसी चैनल की अधिकतम कीमत को पूर्व के 19 रुपये से घटाकर 12 रुपये प्रति माह कर दिया था। टेलीविजन प्रसारणकर्ताओं ने टैरिफ पर ट्राई के नए आदेश की आलोचना करते हुए शुक्रवार को कहा था कि इस कदम से कंटेट क्रिएशन पर खतरा बढ़ेगा और उद्योग प्रभावित होगा। इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन (आईबीएफ) की अगुवाई में टेलीविजन प्रसारणकर्ताओं ने प्रेस कांफ्रेंस कर उद्योग जगत की चिंताओं को सामने रखा।