गुजरात: मामला गुजरात का है। जिस काम को पुरुष नहीं कर पाए। महिलाओं ने उस काम को कर दिखाया। एटीएस की चार महिला अफसरों ने घने जंगल में डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर 15 हत्याओं के वांटेड कातिल को पकड़ लिया। बदमाश का नाम जुसब अल्लारखा सांध बताया जा रहा है। जो वारदात के बाद बोटाद के घने जंगल में जाकर छिप जाता था। जहां से महिला अधिकारियों ने उसे खोज निकाला।
शातिर था बदमाश
जानकारी के अनुसार जूनागढ़ में अल्लारखा पर 15 से ज्यादा हत्या और लूट के मामले दर्ज हैं। स्थानीय पुलिस भी बहुत समय से इस अपराधी को पकड़ने में लगी थी। लेकिन, पकड़े जाने के डर से वह अपने पास न तो मोबाइल रखता था न कोई गाड़ी। वह एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए घोड़ी का प्रयोग करता था, ताकि शोर से पुलिस को उसके होने का पता न चल सके।
रात के अंधेरे में गई टीम
एटीएस को खबर मिली थी कि बोटाद के जंगल में गैरकानूनी गतिविधियां जारी हैं, जिसमें कई नामी बदमाश शामिल हैं। यह भी बताया गया था कि उनके पास हथियार भी हो सकते हैं। इसके बाद एटीएस के डीआईजी हिमांशु शुक्ला ने एक टीम का गठन किया। इस टीम में महिला पुलिस इंस्पेक्टर संतोक बेन, नितमिका, अरुणा बेन और शकुंतला बेन शामिल थीं। इस टीम के साथ एक पुलिस अफसर जिग्नेश अग्रावत भी थे। जो टीम को किसी भी विपरीत परिस्थिति में सहायता करते।
मुखबिर के बताए ठिकाने पर गए पैदल
महिला टीम को मुखबिर के बताए स्थान तक पहुंचने के लिए रात को घने जंगलों में लगभग डेढ़ किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। गाड़ी का इस्तेमाल गोपनीयता के कारण किया नहीं जा सकता था। टीम उसके ठिकाने के पास जाकर छिप गई और सुबह होने का इंतजार करने लगी। जैसे ही सुबह वह अपने ठिकाने से बाहर आया पुलिस ने उसे पकड़ लिया। उसके खिलाफ हत्या, जबरन वसूली और मारपीट के कई केस दर्ज हैं।