देहरादून: एसडीआरएफ के जवानों ने एक बार फिर से मानवता और बहादुरी की मिसाल पेश की है। मोंडा गांव में फंसी आठ माह की और मोंडा गांव के सुन्नी तोक की ही नौ माह की गर्भीवती महिला को हेलीकाॅप्टर से रेस्क्यू कर देहरादून के दून अस्पताल में पहुंचाया है। इससे पहले भी एसडीआरएफ ने एक गर्भवती महिला को दून अस्पताल में पहुंचाया था।
जाबांजी से किसी रेस्क्यू
आराकोट क्षेत्र की दो गर्भवती महिलाओं के एसडीआरएफ और हेली सेवा में जुटे जाबांजों ने नया जन्म दिया। दोनों का प्रसव पीड़ा हो रही थी। एसडीआरफ ने पहले महिलाओं को उनके ही गांव से रेस्क्यू करने का प्रयास किया, लेकिन सलफता नहीं मिली। इसके बाद एसडीआरएफ ने दोनों महिलाओं को गांव में ही मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई।
दूसरे गांव लेजाकर रेस्क्यू
बाद में दोनों को दूसरे गांव लेजाया गया। जहां से हेलीकाॅप्टर से रेस्क्यू किया गया। इनमें से मोंड गांव की रेखा आठ माह की गर्भवती हैं। जबकि गांव के की सुन्नी तोक की प्रतिमा नौ माह की गर्भवती हैं। आज सुबह दोनों को देहरादून लाया गया। सुबह साढ़े आठ बजे के करीब हेलीकाॅप्टर ने सहस्त्रधारा हेलीपैड पर लैंड किया। वहां से दोनों गर्भवतियों को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया।