ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया नए जज्बे और नई जर्सी के साथ मैदान पर उतरेगी। जी हां क्योंकि एक बार फिर से टीम इंडिया की जर्सी का रंग और स्टाइल बदल गया है। आपको बता दें कि इस बार विराट ‘सेना’ कंगारुओं के खिलाफ नई जर्सी में नजर आएगी। जानकारी के लिए बता दें कि 27 नवंबर से टीम इंडिया तीन वनडे, तीन टी-20 और चार टेस्ट मैच खेलेगी। हाल ही में टीम इंडिया को नया किट स्पॉन्सर मिला है। टीम इंडिया की किट स्पॉन्सर अब ऑनलाइन गेम कंपनी MPL है, जिसका जर्सी पर लोगो भी है। भारतीय टीम की जर्सी का रंग नेवी ब्लू है।भारतीय टीम इसी रंग की जर्सी 80 के दशक में पहनती थी।
आइये जानते हैं कि 1985 से लेकर अब तक यानी की 2020 तक 35 साल के इतिहास में कब-कब टीम इंडिया ने अपनी जर्सी बदली?
बता दें कि क्रिकेट की शुरुआत दौर से ही सभी टीमें सफेद रंग की जर्सी पहनकर मैदान में उतरती थीं लेकिन साल 1985 में ऑस्ट्रेलिया की टीम ने पहली बार रंगीन जर्सी पहनकर मैदान में बल्ला घुमाया जिसके बाद ये सिलसिला जारी रहा।
बता दें कि वर्ष 1985 में पहली बार टीम इंडिया रंगीन जर्सी पहनकर क्रिकेट के मैदान में उतरी थी। उस समय उसका रंग नीला और पीला था। हालांकि, उस समय जर्सी पर न तो देश और न ही किसी खिलाड़ी का नाम लिखा हुआ था।
1991-92ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहली बार टीम इंडिया की जर्सी पर खिलाड़ियों के नाम और देश का नाम लिखा था। साल 1992 में पहली बार विश्व कप कलरफुल ड्रेस में खेला गया। इसके बाद 1992 के वर्ल्ड कप में भारतीय प्लेयर्स की जर्सी इंडिगो कलर की थी, जिस पर शोल्डर्स पर कलरफुल स्ट्राइप्स बनी हुई है। इसके अलावा ड्रेस के आगे टीम का नाम और पीछे प्लेयर का नाम लिखा होता था।
1994-न्यूजीलैंड के दौरे पर टीम इंडिया पीली और नीली जर्सी में दिखाई दी थी। इसी साल श्रीलंका में खेली गई सिंगर वर्ल्ड सीरीज में हल्के नीले रंग का आगमन फिर से हुआ। इस सीरीज में भारतीय टीम पीले और हल्के नीले रंग की ड्रेस में दिखाई दी थी।
1995 इस साल न्यूजीलैंड में खेली गई सेंचुरी सीरीज में पहली बार टीम की जर्सी पर भारतीय तिरंगे की झलक दिखाई दी थी। 1996 के वर्ल्ड कप में भारतीय टीम की जर्सी पीले और आसमानी रंग के कॉम्बिनेशन में नजर आई। इस जर्सी में पीले रंग के कॉलर थे और सफेद और पीले रंग की सीधी पट्टियां थीं। इसके अलावा ड्रेस पर सतरंगी रंग के तीर जैसा बैंड प्रिंट थे, जो छाती से होते हुए नीचे बांह तक आते थे।
1997 श्रीलंका के दौरे पर पहली बार टीम इंडिया की जर्सी में गहरे रंगों की छाप दिखी। इसी जर्सी में रॉबिन सिंह ने अपने करियर की एकमात्र शतक जड़ा था। 1998 इस साल फिर टीम इंडिया की जर्सी में थोड़ा बदलाव हुआ। भारतीय टीम हल्के नीले रंग की टी-शर्ट और डार्क ब्लू कलर के लोअर्स में दिखाई दी थी। टी-शर्ट की दोनों बाहों पर तिरंगे की छाप थी। 1999 वर्ल्ड कपइस वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की जर्सी पर बीसीसीआई के लोगो की दिखी।
2000 साल 2000-2001 तक ये जर्सी भारतीय टीम की जर्सी बनी रही। इसी साल आसमानी/स्काई ब्लू कलर को आधिकारिक तौर पर भारतीय टीम की जर्सी का कलर चुन लिया गया था।2002 चैंपियंस ट्रॉफीइस टूर्नामेंट में पहली बार सभी टीमें बिना किसी स्पॉन्सर के लोगो की जर्सी पहनकर खेलने उतरीं थीं। टीम इंडिया की जर्सी भी तब सबसे सिंपल लुक में दिखाई दी थी।
2003 वर्ल्ड कपसाल 2003 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की जर्सी बिल्कुल बदल गई या ऐसा कहिए स्टाइलिश और अच्छी हो गई थी। जर्सी के दोनों साइड काले रंग की मोटी पट्टियां बनाई गई थीं। तिरंगे के ब्रश प्रिंट ने ड्रेस में जान डाल दी थी और बिल्कुल बीच में लिखे इंडिया से यह जर्सी बेहद खास लग रही थी। इसके अलावा ट्रैक पैंट्स के दोनों तरफ छोटा सा भारतीय तिरंगा लगाया गया था।2004इस साल टीम इंडिया की जर्सी पर तिरंगे को पेंट ब्रश स्ट्रोक के साथ अब टीम के स्पॉन्सर ‘सहारा’ का भी नाम लिखा जाने लगा था।
साल 2007 के वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की जर्सी को पहले से भी ज्यादा स्टाइलिश बनाने की कोशिश की गई। अब भारतीय तिरंगा बीच से हटकर थोड़ा ऊपर चला गया। इसके साथ ही ड्रेस में से काली पट्टियां हटा दी गईं। INDIA को भी नए फॉन्ट में लिखा गया।इस साल न्यूजीलैंड के दौर पर जाने से पहले टीम की जर्सी को बदला गया और तब इसमें हल्के नीले रंग की जगह गहरे नीले रंग को चुना गया।2011 वर्ल्ड कप की जर्सी टीम इंडिया के लिए लकी साबित हुई। 28 साल बाद भारत ने वर्ल्ड कप की ट्रॉफी को अपने नाम किया था। इस बार जर्सी का कलर डार्क और लाइट ब्लू के बीच का था और तिरंगा स्ट्राइप्स दोनों साइड थीं। इसके अलावा इंडिया को ऑरेंज कलर से लिखा गया था।इस बार टीम के स्पॉन्सर Nike ने टीम इंडिया के लिए जर्सी बनाई थी।वर्ल्ड कप से पहले टीम का स्पॉन्सर स्टार इंडिया बन गया। टीम की जर्सी पर उसका लोगो दिखाई देने लगा।
2015 के वर्ल्ड कप में फिर से जर्सी में बदलाव किए गए। अब जर्सी पर कही भी तिरंगा नहीं था। प्लेन ब्लू टीशर्ट पर फ्रंट में स्पॉन्सर और टीम का नाम लिखा था। इसके अलावा ट्रैक पैंट्स की पॉकेट में ओरेंज कलर की लाइनिंग थी। इस जर्सी की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि यह रिसाइकल्ड प्लास्टिक की बोतलों से बनी थी।इस साल भारतीय टीम को ओपो के रूप में नया स्पॉन्सर मिला। इस जर्सी के बीच में और बाजूओं पर स्पॉन्सर का नाम लिखा था।इस साल वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम की नई जर्सी लॉन्च की गई। टीम इंडिया मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ परंपरागत नीली जर्सी की जगह नारंगी रंग की जर्सी पहनकर मैदान पर उतरी थी। इसी साल सितंबर में टीम इंडिया की जर्सी पर ओपो की जगह बायजूस दिखने लगा।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया नई जर्सी में उतरेगी। हाल ही में टीम इंडिया को नया किट स्पॉन्सर मिला है। टीम इंडिया की किट स्पॉन्सर अब ऑनलाइन गेम कंपनी MPL है, जिसका जर्सी पर लोगो भी है। इससे पहले टीम इंडिया की किट स्पॉन्सर नाइकी थी। MPL हर मैच के लिए बीसीसीआई को 65 लाख रुपये देगी। भारतीय टीम की जर्सी का रंग नेवी ब्लू है। भारतीय टीम इसी रंग की जर्सी 80 के दशक में पहनती थी। 1992 वर्ल्ड कप में भी टीम इंडिया ने इसी तरत की जर्सी में दिखाई दी