देहरादून: नैनीताल जिले में सेवा का अधिकार अधिनियम का उल्लंघन करना कर्मचारियों और अधिकारियों को भारी पड़ गया है। नैनीताल डीएम सविन बंसल ने लंबित मामलों की जांच के बाद सभी कर्मचारियों पर जुर्माने की संस्तुति शासन को भेजी थी, जिस पर निर्णय लेते हुए शासन ने 11 कर्मचारियों ने 86 हजार 5 सौ रुपये को जुर्माना लगा दिया है। इनमें राजस्व उप निरीक्षकों के साथ ही रामनगर के प्रभारी निरीक्षक भी शामिल हैं।
सरकार ने सुशासन के लिए सेवा का अधिकार अधिनियम बनाया था। इसके तहत प्रत्येक कार्य के लिए समय और दिन निर्धारित हैं। बावजूद, अधिकारी और कर्मचारी मनमानी कर प्रमाण पत्र जारी नहीं करते हैं। नैनीताल जिले में भी ऐसा सामने आया। अप्रैल 2018 से मार्च 2019 के आवेदनों की जांच की गई थी। मामलों की सुनवाई आयोग में भी हुई। आयोग ने नैताल डीएम को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा था।
जिसके बाद डीएम ने ई-पोर्टल पर मामलों की जांच की। इनमें पाया गया कि 76 मामले लंबित पाए गए। इनमें से 5 मामले चरित्र प्रमाण पत्र के थे, जो तकनीकी कारणों से फंसे थे। जबकि बाकी 75 मामलों को जानबूझकर अटकाया गया था। डीएम ने रिपोर्ट शासन को भेजी है। जिसके बाद शासन से 11 कर्मचारियों को दोषी माना गया है। इन पर 4 हजार से लेकर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है।