अल्मोड़ा- जिले के बयेला गांव में ग्रामीणों को नाले के पास एक तेंदुआ दिखाई दिया। तेंदुआ जीवित था लेकिन कोई हलचल नहीं कर रहा था। ग्रामीणों ने इसकी सूचना जंगलात महकमें को दी। जिस पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू कर उसे अल्मोड़ा के मृग विहार ले जाया गया। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक तेंदुआ मादा है जिसकी उम्र चार-पांच साल बताई गई। मादा तेंदुआ के शरीर में किसी भी तरह की चोट के निशान नहीं पाए गए। माना जा रहा है कि मादा तेंदुआ ठंड के चलते बीमार हुई जिसके चलते वह हरकत नहीं कर रही थी। इस घटना ने साबित किया है कि उत्तराखंड के ग्रामीण सिर्फ उन जानवरों को मारने की सरकार से गुजारिश करते हैं जो आदमखोर हो गए हों जो जंगली जानवर ग्रामीणों का कुछ नहीं बिगाड़ते ग्रामीण उन जंगली जानवरों की जान भी बचाते हैं।