लॉकडाउन के मौजूदा हालातों को देखकर क्या हम ये कहेंगे कि कितना बदल गया इंसान या यूं कहेंगे की कितनी बदल गई है सरकार…जो सिर्फ दावे ही दावे करती है। जी हां क्योंकि इंसान के हालत बदल गए हैं और रहन सहन खान पान सब बदल गया है…कोरोना महामारी के दौरान इंसान बदला या सरकार के दावे बदले ये सच्चाई बयां करती है ये वीडियो…जी हां सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा एक वीडियो ने कइयों को झकझोर कर रख दिया है।
घर जाने की चाह के आगे सब कुछ बेदर्द सा है
सोशल मीडिया पर श्रमिकों का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमे श्रमिक सिर पर सामान लादे घर की ओर निकले हैं. वहीं इस वीडियो में हैरान कर देने वाली बात ये है कि इस वीडियो में एक मां अपने बच्चे को ट्रोली सूटकेस में लेटाकर ले और शूटकेस को घसीट कर ले जा रही है। बच्चा शूटकेस पर सोया हुआ है। सैंकड़ों मील पैदल चलकर बच्चे क्या बढ़े भी थक गए लेकिन घर जाने की चाह के आगे सब कुछ बेदर्द सा है। लेकिन एक मां से बच्चे का दर्द सहन नहीं हुआ। मां ने अपने बच्चे को सूटकेस पर लेटाया और चल दी। वहीं बीच रास्ते में ये वाक्या एक पत्रकार ने कैमरे मे कैद कर ली।
सरकार के दांवों की पोल खोलने के लिए ये वीडियो काफी है
पत्रकार के पूछने पर महिला ने बताया कि वो झांसी जा रहे हैं। जिसे हम पहले खेल समझते थे लॉकडाउन के दौरान वहीं दर्द बन बैठा है। बचपन में बच्चों को अक्सर किसी टायर में घसीट कर जाते या गाडियों के पीछे लटकते देखा होगा लेकिन हालात ये हो जाएंगे की सड़कों पर ऐसे जाना होगा किसी ने नहीं सोचा होगा। सरकार के दांवों की पोल खोलने के लिए ये वीडियो काफी है। सरकार एक ओर श्रमिकों को अपने घर पहुंचाने, खाने पीने रहने की व्यवस्था करने का दावा कर रही है तो वहीं इन दावों की पोल ये वीडियो खोल रही है। सोशल मीडिया पर ये वीडियो देख लोगों का दिल पसीज गया।