पौड़ी गढ़वाल – पौड़ी जनपद की तहसील श्रीनगर क्षेत्रांतर्गत श्रीकोट गंगानाली में खननकारी खनन करते-करते टिहरी जिले में पहुंच गए हैं। चांदी काटने के चक्कर में टिहरी जिले की सीमा में जमकर रेत-पत्थर उठाए जा रहे हैं। लेकिन टिहरी और पौड़ी प्रशासन चुप बैठा है.
दरअसल पौड़ी जिले में श्रीकोट गंगानाली मेें अलकनंदा नदी में दो खनन पट्टे आंवटित हुए हैं। इन दिनों यहां जमकर खनन सामग्री का दोहन हो रहा है। खास बात यह है कि खननकारी को पौड़ी जिले में पट्टा आंवटित हुआ है। लेकिन खनन टिहरी जिले की सीमा में किया जा रहा है। पूर्व में उक्त क्षेत्र में पट्टे आंवटित हुए थे। तब भी ऐसा ही हुआ था। बताया जा रहा है कि इससे खननकारियों को करोड़ों का फायदा होता है। क्योंकि प्रशासन की ओर से यहां सीमांकन नहीं कराया जाता।सवाल पूछे जाने पर पौड़ी और टिहरी का प्रशासन अब खनन पट्टे का सीमांकन किये जाने की बात कर रहा है
हालाँकि पौड़ी और टिहरी प्रशासन सीमांकन किये जाने की बात कह रहा है, लेकिन खनन कारोबारी अपने फ़ायदे के लिये सीमांकन के लिए लगाए गये पत्थरों की जगह ही बदल देते हैं,खनन कारोबारी मानक से बड़े साइज के बोल्डर व मानक से ज्यादा गहराई में उतरकर और अलकनन्दा से बिना तुलान के खनन सामग्री भी उठा रहे हैं क्योंकि खनन पट्टे पर तुलान के लिये कांटा नहीं लगा है.
इस बाबत पूछे जाने पर खनन कारोबारी अवैध खनन की कवरेज करने को गये पत्रकारो को भी खनन कारोबारी दबंगई दिखाने से बाज नहीं आते हैं.
पौड़ी और टिहरी प्रशासन की चुप्पी की मुख्य वजह खनन कारोबारियों की स्थानीय सत्ताधारी नेता से नजदीकी बतायी जा रही है,ऐसे में मजाल है प्रशासन अवैध खनन कारोबारियों पर नकेल कस सके!या यूँ कहें कँही अवैध खनन का ये खेल सत्तानशीनों के इशारे पर ही हो रहा है।