कोटद्वार(दीपिका रावत) : उत्तराखंड में निजी स्कूलों की मनमानी और बुक सेलर-यूनिफॉर्म सेलरों की लूट का धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन यूनिफॉर्म औऱ किताबों के नाम पर निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को परेशान किया जा रहा है और साथ ही अभद्रता की जा रही है…निजी स्कूलों और सेलरों की इस मनमानी से हर अभिभावक परेशान है…और ये पहला मामला नहीं है जब ऐसा हुआ हो इससे पहले भी देहरादून समेत कई जिलों में ऐसी मनमानी सामने आ चुकी है औऱ अभिभावकों ने धरना भी दिया लेकिन कोई हल नहीं निकला. बच्चों को पढ़ाने के लिए अच्छी शिक्षा देने के लिए अभिभावक निजी स्कूलों के दल दल में फंसते-पिसते जा रहे हैं औऱ सरकार मौन है.
उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों की ऐसी हालत नहीं है या वहां ऐसी व्यवस्था नहीं है कि कोई सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ने भेेजें क्योंकि सरकारी स्कूलों के भवन तो जर्जर हालत में हैं ही साथ ही सरकारी स्कूलो में शिक्षक भी आने से परहेज कर रहे हैं जिससे सरकारी स्कूलों की ऐसी हालत हो गई है औऱ कोई अभिभावक वहां अपने बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं. ऐसे में अभिभावक अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेजने में मजबूर हैं.
महंगी बुक और नई-नई यूनिफॉर्म के नाम पर हर साल अभिभावकों की जेब में डाका डाला जा रहा है औऱ अगर अभिभावक इसका विरोध करता है तो उनके साथ अभद्रता की जाती है औऱ धक्के मारकर दुकान से बाहर फेंक दिया जाता है. जी हां ऐसा ही मामला कोटद्वार के सिद्धबली से सामने आया है जहां एक यूनिफॉर्म सेलर ने अभिभावक के साथ अभद्रता की औऱ दुकान से धक्का देकर बाहर निकाल दिया औऱ यूनिफॉर्म देने से इंकार कर दिया…इस दौरान दुकान में हंगामा बरपा और दुकान दार ने बच्चे के पिता को दुकान से धक्के मारकर बाहर निकाल दिया. वहीं वहां मौजूद किसी ने इस वाक्या को कैमरे में कैद कर लिया.
बंधित बुक सेलर और यूनिफॉर्म सेलरों के पास भेजते हैं अभिभावकों को
बता दें कि उत्तराखंड में कई जगह निजी स्कूलों की मनमानी सातवे आसमान में है. निजी स्कूल वाले बंधित बुक सेलर और यूनिफॉर्म सेलरों के पास स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को भेजते हैं औऱ कमीशन कमाते हैं. साथ ही स्कूल वाले एक पर्चे में लिख कर उसी दुकान से वहीं से यूनिफॉर्म औऱ किताब-कॉपी लेने को कहते हैं…औऱ तो औऱ वही सेम ड्रेस में हल्का सा बदलाव कर फिर से नई ड्रेस लेने के लिए कहते हैं और इसका विरोध करने पर बदसलूकी की जाती है.
सरकार औऱ सरकार के शिक्षा मंत्री को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए और ऐसी मनमानी पर ऐसी लूट पर रोक लगानी चाहिए. क्योंकि प्रदेश में अधिकतर अभिभावक इससे परेशान हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं.
ये वीडियो हमे फेसबुक पेज से मिली है जिसे मौके पर मौजूद किसी व्यक्ति द्वारा बनाई गयी है.