देहरादून : प्रदेशभर में इगास की धूम है। सीएम समेत तमाम मंत्री-विधायकों और सांसदों ने प्रदेशवासियों को इगास की बधाई दी. राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी तो हर साल की तरह इस साल भी इगास मनाने अपने पैतृक गांव गए और वहां से प्रदेशवासियों को इगास की खास अंदाज में बधाई दी। वहीं बॉलीवुड सिंगर जुबिन नौटियाल ने भी खास अंदाज में प्रदेशवासियों को इगास-बूढी दिवाली की बधाई दी।
सांसद ने शेयर की जुबिन नौटियाल की वीडियो
बॉलीवुड सिंगर जुबिन नौटियाल ने गिटार बजाकर पहाड़ी गीत गाया और इगास की बधाई दी। उनका ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने जुबिन नौटियाल का वीडियो अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया और लिखा कि युवा दिलोॆ की धड़कन, बॉलीवुड में अपना सिक्का जमाने वाले जुबीन नौटियाल ने शानदार तरीक़े से इगास मनाने का आह्वान किया।
क्या है इगास पर्व
आपको बता दें कि बग्वाल, इगास उत्तराखंड का लोक पर्व है। दीपावली को यहां बग्वाल कहा जाता है, जबकि बग्वाल के 11 दिन बाद एक और दीपावली मनाई जाती है, जिसे इगास कहते हैं. पहाड़ की लोक संस्कृति से जुड़े इगास पर्व के दिन घरों की साफ-सफाई के बाद मीठे पकवान बनाए जाते हैं और देवी-देवताओं की पूजा की जाती है. साथ ही गाय व बैलों की पूजा की जाती है. शाम के वक्त गांव के किसी खाली खेत अथवा खलिहान में नृत्य के भैलो खेला जाता है. भैलो एक प्रकार की मशाल होती है, जिसे नृत्य के दौरान घुमाया जाता है. इगास पर पटाखों का प्रयोग नहीं किया जाता है.
इसलिए 11वें दिन मनाई जाती है इगास
मान्यता है कि जब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे, तो लोगों ने घी के दीये जलाकर उनका स्वागत किया था. लेकिन, गढ़वाल क्षेत्र में भगवान राम के लौटने की सूचना दीपावली के ग्यारह दिन बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी को मिली थी, इसलिए ग्रामीणों ने खुशी जाहिर करते हुए एकादशी को दीपावली का उत्सव मनाया था.
ये है दूसरी मान्यता
दूसरी मान्यता है कि दिवाली के वक्त गढ़वाल के वीर माधो सिंह भंडारी के नेतृत्व में गढ़वाल की सेना ने दापाघाट और तिब्बत का युद्ध जीतकर विजय प्राप्त की थी और दिवाली के ठीक 11वें दिन गढ़वाल सेना अपने घर पहुंची थी. युद्ध जीतने और सैनिकों के घर पहुंचने की खुशी में उस समय दिवाली मनाई गई थी.