सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तीन तलाक के मुद्दे पर बड़ा फैसले देते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि इस मामले में केंद्र सरकार को छह महीने में संसद में कानून बनाए। मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने तीन तलाक पर छह दिन तक लगातार सुनवाई करके हुए 18 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
आपको बता दें कि इस मामले की शुरुआत तब हुई थी जब उत्तराखंड के काशीपुर की शायरा बानो ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर तीन तलाक और निकाह हलाला के चलन की संवैधानिकता को चुनौती दी थी। कोर्ट के फैसले से पहले तीन तलाक की पीड़िता और याचिकाकर्ता शायरा बानो ने कहा कि मुझे लगता है कि फैसला मेरे पक्ष में आएगा। समय बदल गया है और एक कानून जरूर बनाया जाएगा।