उत्तरकाशी- पुलिस के भी कई चेहरे हैं…जनता हमेशा ने वर्दी धारी यानि पुलिस को अपना दुश्मन मानती आई है…अगर पुलिस चालान कर दें तो वो बुरी बन जाती है क्योंकि उन्होंने आपकी सुरक्षा को देखते हुए हेलमेट न पहनने पर, नियम तोड़ने पर आपका चालान किया.कई लोग हमेशा से पुलिस को रिशवतखोर के नजरिए से भी देखते हैं. लेकिन इस पुलिस अधिकारी का व्यवहार देखकर हर कोई उनकी वाहवाही कर रहा है. जी हां उत्तरकाशी पुलिस की मानवता का एक चेहरा कल यानि 5 जून को देखने को मिला. जब यमुनोत्री चौकी इंचार्ज एसआई लोकेन्द्र बहुगुणा ने एक बुजुर्ग को पीठ पर उठाकर 2 किलोमीटर पैदल लेकर गए.
आपको बता दें एसआई बहुगुणा जाम खुलवाने के लिए पैदल भैरो घाटी से ऊपर के मोड़ों पर गये. जहाँ पर जाम खुलवाते वक्त वहाँ पर मध्य प्रदेश से आये यात्री रांझी राजक के अचानक सीने मे दर्द होने के कारण जमीन पर गिर गया. जिसे देख एसआई लोकेन्द्र बहुगुणा ने उसे घोड़े पर बिठाने की कोशिश की लेकिन सीने मे अत्यधिक दर्द के कारण वह घोड़े पर संभलकर बैठ नही पा रहे थे.
वहीं यात्री की तबीयत ज्यादा बिगड़ते देख एसआई लोकेन्द्र बहुगुणा ने पालकी/डोली का इंतजार किये बिना मानवता की मिसाल पेश करते हुये यात्री को तुरंत अपनी पीठ पर लादकर लगभग 02 किलोमीटर पैदल ले जा कर प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र यमुनोत्री पहुँचाया. जहाँ पर इलाज के बाद डॉक्टरों ने बताया गया कि अगर इस व्यक्ति को हॉस्पिटल लाने मे थोड़ी देर हो जाती तो लो ब्लड प्रेशर व हार्टअटैक के कारण से इनकी मृत्यु भी हो सकती थी।
पर्यटक रांझी राजक उपरोक्त द्वारा इलाज के बाद नम आँखों से उपनिरीक्षक लोकेन्द्र बहुगुणा के पैर पकड़कर उन्हे सीने से लगाया और जान बचाने के लिये आभार प्रकट कर धन्यवाद किया गया। रांझी राजक के साथ आये अन्य पर्यटको द्वारा इस पुलिस अधिकारी के सराहनीय कार्य की भूरी-भूरी प्रशंसा की गई। राहगीरों द्वारा तो पुलिस को भगवान तक कि संज्ञा दी गयी।