उत्तरकाशी : उत्तरकाशी में बीते शुक्रवार को बर्फबारी के कारण रास्ता भटक जाने के कारण आईटीआई के छात्र अनुज सेमवाल की मौत से हर को स्तब्ध है. बर्फबारी के बीच फंस जाने के कारण और ठंड से हालत बिगड़ने के कारण अनुज की मौत हो गई। वहीं उसके 6 दोस्तों को एसडीआरएफ और पुलिस ने देर रात रेस्क्यू कर अस्पताल में भर्ती कराया। दोस्तों को एक दोस्त के चले जाना का गम है, बार बार दोस्त को याद कर उनकी आंखें भर आ रही है। ये मामला काफी दिल को झकझोर कर रख देने वाला था जिससे पुलिस विभाग समेत उत्तराखंड की जनता भी सकते में थी कि कैसे छात्रों ने खुद को मुसीबत में डाला औऱ एक दोस्त को खो दिया.
दोस्तों ने किया पैदल जाने का फैसला
वहीं मृतक छात्र अनुज सेमवाल के दोस्त शुभम बिष्ट ने बताया कि शुक्रवार की दोपहर जब उन्हें पता चला कि धरासू यमुनोत्री हाईवे राड़ी टॉप के पास बर्फबारी से बंद है तो पैदल रास्ते चलने का फैसला लिया। दोपहर 12 बजे बड़कोट से शुभम और उनके सातों दोस्त उत्तरकाशी के लिए चले। करीब शाम 4 बजे उनके दोस्त विशाल की तबियत खराब हुई। जिस पर अनुज और उन्होंने विशाल को राजन के साथ वापस बड़कोट भेजने की बात कही और वहीं किया।
बर्फ में चलते समय अनुज के जूतों के अंदर बर्फ घुसी
शुभम ने बताया कि विशाल औऱ राजन के जाने के बाद अचानक कुछ समय बाद अनुज की तबियत खराब होने लगी। राड़ी टॉप के जंगल के बीच बर्फ में चलना बेहद ही मुश्किल हुआ।बर्फ में चलते समय अनुज के जूतों के अंदर बर्फ घुसी। जिसके कुछ देर बाद अनुज लड़खड़ाने लगा। बताया कि फिर दोस्तों ने मिलकर अनुज के जूते निकाले और उसके पांव के तलवे को गर्म करने की कोशिश की।
आखिरी बार यही कहा था कि प्लीज मुझे अकेले मत छोड़ना
अनुज के दोस्त ने बताया कि आखिरी बार अनुज अपनी लड़खड़ाती जुबान में सिर्फ यही कह रहा था कि प्लीज मुझे अकेले मत छोड़ना। फिर अंधेरा हुआ हम एक जगह रुके। जिसके बाद अनुज की आवाज आनी बंद हो गई थी जिसे देख सभी दोस्त घबरा गए।सबने उसके हाथ पैर मले लेकिन वो कुछ नहीं बोला.
दीदी से मिलने की जिद्द ने ली जान
शुभम ने कहा कि अनुज को बड़कोट चलने से पहले उसे समझाया था कि वह बड़कोट में ही कमरे पर रहे। लेकिन, अनुज ने जिद की थी कि वह अपनी दीदी के पास उत्तरकाशी जाएगा। उन्होंने बताया कि अनुज की मां की मौत कुछ साल पहले हुई है तथा पिता एक मामले में जेल में हैं।