उत्तरकाशी। उत्तरकाशी के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बड़कोट में पढ़ने वाले 7 छात्र बीते रोज घर लौटते समय राड़ी टॉप के निकट पैदल रास्ते से भटक कर घने जंगल में फंस गए थे जिनका रेस्क्यू उत्तरकाशी एसडीआरएफ ने किया।हालांकि एक छात्र की तबीयत ज्यादा खराब होने पर मौत हो गए लेकिन एसडीआरएफ का ये रेस्क्यू अभियान काम काबिले तारीफ है।
एसडीआरएफ को पूरे प्रदेश की जनता का सलाम
घने जंगल में टोर्च की लाइट लिए भारी बर्फबारी के बीच जान की परवाह किए बगैर छात्रों को रेस्क्यू करना सच में दर्शाता है कि उत्तराखंड पुलिस और एसडीआरएफ अपने कर्तव्य को लेकर, अपनी जिम्मेदारी को लेकर कितनी गंभीर है, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना अपना फर्ज निभाया और 6 छात्रों की जान बचाई।एसडीआरएफ के इस काम के लिए पूरी उत्तराखंड की जनता उन्हें सलाम करती है।
पुलिस टीम में कॉन्स्टेबल संदीप, बिपिन राणा, सुनील, बड़कोट थाने से सतीश भट्ट, एसडीआरएफ टीम के डॉक्टर आशीष भंडारी शामिल रहे।
ये है पूरा मामला
आपको बता दें कि बीते रोज उत्तरकाशी के बड़कोट आइटीआइ से सात छात्र अपने घर के लिए निकले, लेकिन धरासू-बड़कोट हाईवे राड़ी टॉप के पास बंद होने के कारण ये छात्र बड़कोट से पैदल ही निकल पड़े। रास्ते में बर्फ अधिक होने के कारण इन छात्रों को चलने में खासी परेशानी हुई।इस दौरान एक छात्र अनुज की तबीयत बिगड़ गई। एसडीआरएफ को सूचना दी गई जिसके बाद सूचना पाकर पुलिस और एसडीआरएफ कड़ी मशक्कत के बाद मौके पर पहुंचे. क्योंकि अंधेरा बहुत हो गया था और चारों तरफ बर्फ ही बर्फ थी इस कारण रास्ते को ढूंढकर छात्रों तक पहुंचना कठिन था लेकिन एसडीआरएफ ने हार न मानते हुए छात्रों तक पहुंचे और उन्हें जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाया जहां एक छात्र अनुज सेमवाल ने दम तोड़ दिया।
लोगों से अपील
हमारी प्रदेश और बाहरी राज्यों की जनता से अपील है कि बर्फबारी का लुत्फ उठाने के चक्कर में अपनी जिंदगी को खतरे में ना डाले। अधिक बर्फबारी के बीच जाने का और वाहन लेकर जाने का रिस्क ना उठाएं. अपने औऱ अपने परिवार का ध्यान रखें और जानकारी लेने के बाद ही(सड़क की) किसी कहीं यात्रा पर निकलें।