आपको बता दें कि सीमांत जिला पिथौरागढ़ की ये दोनों बेटियां आसमान छूने की चाह लिए उड़ान भर रही है. पिथौरागढ़ के सोन गांव की मुस्कान ने पायलट बन आसामान छूआ तो वहीं जिले के सोर की बेटी शीतल 16 मई को एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने जा रही है.
जिले की पहली महिला पायलट है मुस्कान
दारमा घाटी के सोन गांव की मुस्कान सिंह जल्द व्यावसायिक विमान उड़ाएंगी. वह सीमांत जिला पिथौरागढ़ की पहली महिला पायलट होंगी. दारमा घाटी के सोन गांव निवासी भूप सिंह सोनाल की बेटी मुस्कान सिंह सोनाल ने लखनऊ से वर्ष 2015 में 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की. उन्होंने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी रायबरेली से कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस के लिए आवेदन किया. एकेडमी में ढाई साल के प्रशिक्षण के बाद मुस्कान ने सीपीएल का प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. 200 घंटे तक विमान उड़ाने के बाद मुस्कान को व्यावसायिक फ्लाइट का लाइसेंस मिल गया है.
सबसे बड़ी चोटी को छूने की चाह लिए शीतल
वहीं एवरेस्ट समिट के लिए निकलीं शीतल सबसे बड़ी चोटी पर पहुंचने को है. आफको बता दें कि शीतल 5 अप्रैल को काठमांडू से एवरेस्ट के बेसकैंप के लिए रवाना हुईं थीं। वह 15 अप्रैल को बेस कैंप पहुंचीं. उन्होंने 12 मई तक बेस कैंप में अन्य पर्वतारोहियों के साथ रॉक क्लाइबिंग का अभ्यास किया. आपको बता दें कि शीतल 2017 में विश्व की तीसरी सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा को सबसे कम 22 वर्ष की उम्र में फतह करने का विश्व रिकार्ड बना चुकी हैं। वह कंचनजंगा के साथ ही तमाम चोटियों को फतह कर चुकी है.